मंत्री परसादी लाल बोले- इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने को तैयार:गोविंदराम मेघवाल बोले- मैं समर्थन करता हूं, CM कैसे बदलेंगे, MLA तो हम

जयपुर8 महीने पहले
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गहलोत सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों ने राजस्थान में एक साल पहले ही सरकार गिरने और मिड टर्म इलेक्शन में जाने की चेतावनी दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा न कहा है कि हम इस्तीफा देकर एक साल पहले चुनाव लड़ने को तैयार हैं। एक साल बाद विधानसभा चुनाव होगा। हम उससे एक साल पहले आज भी इस्तीफा मंजूर करवाकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। वहीं, आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा- मैं परसादीलाल जी का समर्थन करता हूं। दोनों ने जयपुर के गणगौरी होटल में मीडिया से बात की।

गोविंदराम मेघवाल से जब मीडिया ने पूछा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री बदला जाता है तो आप क्या करेंगे ? इस पर मेघवाल बोले- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे, वही हमारे फायदे में हैं। अगला चुनाव हम सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ना चाहते हैं। मीडिया ने पूछा सीएम बदल गया तो, मेघवाल बोले- बदलेंगे कैसे MLA तो हम लोग हैं। गहलोत साहब और शीर्ष नेतृत्व इसमें मेच्योर हैं। गहलोत और हाईकमान बैठकर जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं।

गोविंदराम मेघवाल, आपदा प्रबंधन मंत्री,राजस्थान सरकार
गोविंदराम मेघवाल, आपदा प्रबंधन मंत्री,राजस्थान सरकार

वहीं, मुख्य सचेतक और मंत्री महेश जोशी ने कहा- हमने सिर्फ तीन बातें कहीं। जो लोग मानेसर गए थे, उनमें से किसी को सीएम न बनाया जाए। वहीं, सीएम का फैसला अध्यक्ष के चुनाव के बाद करा जाए। जोशी ने कहा- हमने कभी भी नहीं कहा कि सीएम का फैसला हम करेंगे। जो भी आउटगोइंग सीएम होता है, उसकी सलाह ली जाती है। बहुत हद तक उसकी सलाह मानी जाती है। हाईकमान जो भी फैसला लें उसमें उनकी सलाह ली जाए। हमने सिर्फ यह कहा था कि इस फैसले से पहले हमारी तीन बातें टेलिफोन पर अवगत करा दें। अगर इसके बाद भी हाईकमान जो फैसला करते हैं, जो वो कहेंगे हम कर देंगे।

अजय माकन के बयान को लेकर जोशी ने कहा कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएं तो कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट हो जाएगा। ये बात हम उस वक्त समझ नहीं पाए। कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट क्या है। ये हम समझ नहीं पाए। हम अब भी यह बात उठाएंगे कि यह कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट हमें समझाया जाए। इसके बाद भी एक लाइन का प्रस्ताव पास करने को कहा जाए तो हम तैयार हैं।

महेश जोशी- हमारा स्टैंड आज भी वही है, सिर्फ हम यह चाहते हैं कि आलाकमान तक हमारी बात पहुंच जाए।
महेश जोशी- हमारा स्टैंड आज भी वही है, सिर्फ हम यह चाहते हैं कि आलाकमान तक हमारी बात पहुंच जाए।

औपचारिक रूप से नोटिस मिले तो मैं जवाब दूंगा- जोशी

जोशी को मिले नोटिस को लेकर उन्होंने कहा कि औपचारिक रूप से नोटिस मिले तो मैं जवाब दूंगा। वहीं, जिसके बारे में जो जवाब मांगा जाएगा वो जवाब देगा। उन्होंने कहा कि हमारा स्टैंड आज भी वही है, सिर्फ हम यह चाहते हैं कि आलाकमान तक हमारी बात पहुंच जाए।

सीएम गहलोत के दिल्ली में माफी मांगे जाने को लेकर उन्होंने कहा- बहुत सारी परिस्थितियां ऐसी होती हैं। इनमें व्यक्ति खुद इनवॉल्व नहीं होता, मगर क्योंकि सबसे बड़े पद पर वो थे इसलिए उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी ली है।

क्या है पूरा घटनाक्रम और सियासी मायने ?

कल दौसा के लालसोट में स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि अगर सीएम बदला गया तो हम इस्तीफा देकर एक साल पहले चुनाव लड़ने को तैयार हैं। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले आज भी इस्तीफा मंजूर करवाकर चुनाव लड़ने को हम तैयार हैं। मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने आज इसका समर्थन करके मंशा साफ कर दी, कि कांग्रेस आलाकमान को गहलोत कैबिनेट और विधायक दल साफ मैसेज देना चाहता है कि अगर सचिन पायलट को सीएम फेस बनाया, तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिरा दी जाएगी। पार्टी आलाकमान के ऊपर प्रेशर बनाने के तौर ही इसे देखा जा रहा है। परसादीलाल मीणा ने गहलोत के दिल्ली जाने से पहले और गोविंदराम मेघवाल ने दिल्ली में गहलोत की सोनिया गांधी से बैठक के बाद बयान दिया है। इससे यह भी साफ होता है कि पार्टी नेतृत्व अब भी राजस्थान में हुए घटनाक्रम से बेहद नाराज है। गहलोत ग्रुप को अब भी सचिन पायलट के CM फेस की चिन्ता है।

हालांकि परसादीलाल मीणा ने अपने बयान में कहा कि यह प्रेशर नहीं है। जिन लोगों ने बीजेपी के साथ मध्यप्रदेश में सरकार गिराई वो ही लोग सामने हैं। मैं कोई CM पद की की रेस में नहीं हूँ। मेरे ऊपर हाईकमान और CM ने जो जिम्मेदारी दी है वो बहुत है। उससे मैं खुदको गौरवांवित महसूस करता हूँ। मुझे सोनिया जी और अशोकजी ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं इससे संतुष्ट हूं। अशोक गहलोत के अलावा कोई CM पद का दावेदार नहीं है। यह कहकर परसादीलाल मीणा ने अपनी पूरी आस्था अशोक गहलोत में जताकर स्पष्ट मैसेज दे दिया है।

क्या होता है मिड टर्म इलेक्शन?

प्रदेश में हर 5 साल में विधानसभा के आम चुनाव होते हैं । अगर सियासी संकट, बहुमत का आंकड़ा नहीं होने या किसी दूसरे कारण से किसी सरकार का 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं हो पाता है। तो वर्तमान पार्टी जो सत्ता में है, वह अपना त्यागपत्र दे देती है। कोई दूसरी पार्टी भी सरकार बनाने मे सक्षम नहीं होती है, तो ऐसी हालत में जो चुनाव होते हैं, उसे मध्यावधि चुनाव कहते हैं।

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