बड़ी चौपड़ के समीप पुराने पुलिस मुख्यालय में बन रहे जयपुर हैरिटेज नगर निगम मुख्यालय की प्राचीन इमारत से अब आने वाले महापौर का शासन चलेगा। हैरिटेज भवन पहली बार बनने वाले नगर निगम हैरिटेज जयपुर के नए महापौर का स्वागत करने को तैयार किया जा रहा है। यह बिल्डिंग महाराजा सवाई मानसिंह के शासन में (राजेंद्र हजारी गार्डस) के नाम से जानी जाती थी। जहां बैरकों में महाराजा की सुरक्षा करने वाले सैनिकों की पलटन और घुड़सवार रहा करते थे। इसकी वजह से इस इमारत का हेरिटेज लुक बरकरार रहा। करीब 65 साल तक यहां पुलिस मुख्यालय चला। जहां से पूरे प्रदेश की पुलिस को दिशा निर्देश जारी होते थे। कानून व्यवस्था की बागड़ोर यहीं एक कमरे में बैठकर पुलिस महानिदेशक संभालते थे।
कमरा नंबर 101 में महापौर और 201 में बैठेंगे सीईओ
दैनिक भास्कर डिजिटल टीम के रिपोर्टर हैरिटेज नगर निगम के मुख्यालय में पहुंचे तब वहां मुख्य गेट के अंदर मेयर के कक्ष के सामने एक फव्वारे का निर्माण कार्य चल रहा था। वहीं, गार्डन में नए फूल पौधे लगाए जा रहे थे। निगम के अधिकारियों की देखरेख में यह काम युद्ध स्तर पर चल रहा था, क्योंकि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक महापौर की घोषणा हो जाएगी। इसके बाद महापौर, उपमहापौर सहित सभी स्टाफ को यहीं से जयपुर हैरिटेज नगर निगम की सत्ता चलानी होगी। यहां मुख्य भवन की बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर कमरा नंबर 101 में नवनिर्वाचित महिला महापौर बैठेंगी।
वहीं, पहली मंजिल पर बने कमरा नंबर 201 में निगम के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) बैठेंगे। पहले इसी कमरे में पुलिस महानिदेशक बैठा करते थे। ये दोनों कमरे बनकर तैयार किए जा रहे है। इसके अलावा इन दोनों अधिकारियों के कक्ष के समीप ही वेटिंग रुम और मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल भी तैयार कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार इस भवन से अब करीब 5673 अधिकारी और कर्मचारी बैठेंगे। तीन चौक में बने इस मुख्यालय में लगभग 30 कमरों में पुनर्निर्माण हो चुका है।
फ्लोर पर नंबर 105 में रहेगा बड़ा हॉल
इसके अलावा मुख्यालय में कई जगहों पर कई जगहों पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। यहां ग्राउंड फ्लोर पर कमरा नंबर 105 में बड़ा हॉल बनाया गया है। जहां पार्षद और महापौर की मीटिंग होंगी। यहां कक्षों के लिए लोहे या लकड़ी की पट्टी के बजाए गुलाबी रंग के पत्थरों का उपयोग किया गया है। इन्हीं पर कक्ष क्रमांक और सीढ़ियां इत्यादि निर्देशक लिखे गए हैं, हैरिटेज मुख्यालय में हैरिटेज लुक ही नजर आए। यहां गुलाबी रंग के पत्थरों को ज्यादा इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि जयपुर की पहचान पिंकसिटी के रुप में है।
जयपुर हैरिटेज नगर निगम में 100 वार्ड
जयपुर हैरिटेज नगर निगम में कुल 100 वार्ड होंगे. इनमें अनुसूचित जाति श्रेणी के 11 में से 4 वार्ड महिलाओं के लिए रखे गए हैं। अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 3 में से 1 वार्ड महिला के लिए रखा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के 21 में से 7 वार्ड महिलाओं के आरक्षित किए गए हैं। अनारक्षित श्रेणी के 65 वार्डों में से 21 महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए हैं।
वर्ष 1949 में पुलिस मुख्यालय बनाया गया था, 65 साल चला
जानकारी के अनुसार वर्ष 1949 में बड़ी चौपड़ पर हवामहल के मुख्य गेट के सामने स्थित इस हैरिटेज बिल्डिंग में पुलिस मुख्यालय बनाया गया था। सबसे पहले राजस्थान में बतौर पुलिस प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक आर.बनर्जी थे। जिन्होंने 7 अप्रैल, 1949 को पदभार संभाला था। आईजीपी बनर्जी ने इस पद पर सात महीने तक कार्य किया था। ऐसे में करीब 65 साल तक प्रदेश पुलिस की कमान यहीं से चली। वर्ष मई, 2014 में लालकोठी में नया पुलिस मुख्यालय बनने के बाद यह पुलिस मुख्यालय वहां शिफ्ट हो गया। इसके बाद यह बिल्डिंग खाली रहीं। तब दो नगर निगम की घोषणा के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने इस बिल्डिंग में ही हैरिटेज नगर निगम का मुख्यालय बनाने का निर्णय किया था। पिछले साल जयपुर में नगर निगम में दो बोर्ड की घोषणा के बाद दिसंबर 2019 को जयपुर हेरिटेज का मुख्यालय पुराना पुलिस मुख्यालय में होने की घोषणा की गई थी।
मरम्मत का काम चूने-गुड़-मेथी-गारे के मिश्रण की बजाए सीमेंट बजरी से हो रहा है
आपको बता दें कि सरकार ने नगर निगम जयपुर हेरिटेज बनाकर हैरीटेज कंजर्वेशन एंड प्रोटेक्शन बायलॉज का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके तहत हेरिटेज इमारतों की मरम्मत परंपरागत तरीके से की जानी थी। जानकारों के मुताबिक इस हैरिटेज भवन में मरम्मत का काम चूने-गुड़-मेथी-गारे के मिश्रण से बने मसाले से किया जाना था। लेकिन इसके बजाए यहां जगह-जगह पुट्टी और सीमेंट का इस्तेमाल निर्माण कार्य में किया जा रहा है।
जो हेरिटेज निगम के नाम को ही धूमिल कर रहा है। हालांकि मरम्मत कार्य से जुड़े ठेकेदारों का कहना है कि परंपरागत तकनीक से काम करने पर काफी वक्त लगेगा, क्योंकि चूने, गुड़ और गारे का मसाला तैयार करने में बहुत समय लगता है। इसलिए सीमेंट उपयोग में लाई जा रही है।
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