राजस्थान में कोरोना के केस लगातार बढ़ने के बाद सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों से लेकर हर तरह की पाबंदियां लगाई हैं। दैनिक भास्कर ने कोरोना के बढ़ते केस और सरकार की तैयारियों को लेकर हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा से बातचीत की। मीणा ने कहा कि ओमिक्रॉन उतना खतरनाक नहीं है, अगर खतरनाक होता तो अस्पताल भरे होते। मंत्री ने माना है कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन से कोरोना के मामले कुछ हद तक बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने फिलहाल 8वीं से ऊपर के स्कूल खुले रखने की पैरवी की है। पढ़िए पूरा इंटरव्यू...
सवाल: पिछले सात दिन में कोरोना केस 11गुना हो चुके हैं, सरकार पूरे हालात को कैसे कंट्रोल करेगी?
मीणा : तीसरी लहर की आशंका पहले से थी। जबसे हमने टेस्टिंग बढ़ाई है, बीमार लोगों का पता लगा है। सरकार किसी चीज को छुपाना नहीं चाहती है। हमने टेस्टिंग में और तेजी लाने को कहा है। इस बार तीसरी लहर में मरीज अस्पतालों में कम आ रहे हैं, घर पर ही इलाज के बाद ठीक हो रहे हैं। ओमिक्रॉन के केसों में भी भारत सरकार ने हमारी मांग पर कह दिया है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है, न वह उतना खतरनाक है। घर पर रहकर भी ठीक कर सकते हैं। राजस्थान की हालत बाकी प्रदेशों की तुलना में अच्छी है। वैक्सीनेशन में हम टॉप पर हैं, 31 जनवरी तक हम 100 प्रतिशत लोगों को सेकेंड डोज लगा देंगे। दिसंबर में 1.31 करोड़ डोज लगी है। 31 जनवरी बाद हम बिना वैक्सीन सब जगह नो एंट्री कर देंगे।
सवाल: कोरोना तेजी से स्प्रेड हो रहा, क्या कारण मानते हैं?
मीणा : एक्सपर्ट ने बहुत पहले कह दिया था कि तीसरी लहर आएगी। ओमिक्रॉन खतरनाक नहीं है। हमारी सरकार की मंशा सौ फीसदी जनसंख्या के वैक्सीनेशन की है ताकि जनता को कोई खतरा नहीं हो। एक बार सबका वैक्सीनेशन होना बहुत जरूरी है, इसके बाद चाहे कैसी भी लहर आए।
सवाल: न्यू ईयर सेलिब्रेशन की छूट देने से कितना फर्क पड़ा है, आप तो इसके खिलाफ थे?
मीणा : न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए दो घंटे की छूट दी गई थी, इसके अलावा तो छूट दी नहीं थी। न्यू ईयर सेलिब्रेशन से कुछ फर्क पड़ा है, लेकिन सेलिब्रेशन के वक्त आज जैसी स्थिति नहीं थी। अगर आज जैसी स्थिति होती तो उस समय 31 दिसंबर की रात को कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगा दिया होता।
सवाल: आठवीं तक के बच्चों के ही स्कूल बंद क्यों किए, बड़े बच्चे भी तो संक्रमित हो सकते हैं, आगे मामले बढ़े तो क्या बड़े बच्चों के भी स्कूल बंद होंगे?
मीणा: जब कई स्कूलों में बच्चों को कोरोना हुआ उसके बाद आठवीं तक के स्कूल बंद करने का फैसला किया। शिक्षा विभाग से चर्चा करके जहां भी आवश्यकता हो वहां आठवीं तक के स्कूल बंद करने का फैसला किया। 15 से 18 साल तक के बच्चों का हम वैक्सीनेशन कर रहे हैं, बाकी स्कूलों को अभी बंद करने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी जरूरत पड़ी तो सरकार कोई भी फैसला लेने को स्वतंत्र है।
सवाल: कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, आगे कौनसी पाबंदियां लग सकती है?
मीणा : मुख्यमंत्री लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जैसी भी स्थिति होगी उसके अनुसार फैसला लेंगे।
सवाल: राजनीतिक रैलियों की वजह से भी केस ज्यादा बढ़े हैं, उन्हें समय पर नहीं रोका?
मीणा : जिस समय पॉलिटिकल रैलियां और हमारी सरकार के कार्यक्रम हुए तब ऐसी स्थिति नहीं थी। जब रैलियां हो रही थी तब कोरोना के केस नहीं थे, 15-16 जिलों में तो एक भी केस नहीं था। आज सब जगह केस आ रहे हैं तो सतर्कता सावधानी बरतने की जरूरत ज्यादा है। अब एसओपी की पालना सख्ती से करने के निर्देश दिए हैं।
सवाल: कांग्रेस की रैली के वक्त ओमिक्रॉन खतरनाक नहीं था और अब यह खतरनाक हो गया व पाबंदियां लगा दीं?
मीणा : ओमिक्रॉन पहले भी खतरनाक नहीं था और अब भी नहीं है। खतरनाक होता तो अस्पताल भरे होते। यह कमजोर है। फिर भी वायरस कब वैरिएंट बदल ले या चौथी लहर भी आ जाए, इसीलिए सरकार ढिलाई नहीं बरत सकती और जरूरी कदम उठाए हैंं।
सवाल: चौथी लहर आती है तो क्या तैयारी है, दूसरी लहर के बाद खरीदे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सील तक नहीं खोली गई और बेकार पड़े हैं?
मीणा : हमने जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मशीनें खरीदी थीं उनका दो दिन तक ट्रायल किया जा रहा है। ऑक्सीजन प्लांट हो या कंसंट्रेटर हो उन सबका दो दिन तक ट्रायल चल रहा है, उन्हें तैयार किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर काम लिया जा सके। टेस्ट बढ़ाए हैं। ऑक्सीजन की 1000 टन की हमारी क्षमता है। चौथी लहर भी आए या कैसी भी परिस्थिति बने तो सरकार उससे निपटने को तैयार है।
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