राजस्थान ही नहीं, पूरे देश में कोरोना एक बार फिर पैर पसारने लगा है। कोरोना गाइडलाइन के पालन पर एक बार फिर से जोर दिया जा रहा है। इसी बीच, कांग्रेस और भाजपा ने भीड़ जुटाने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस की रैली है तो भाजपा जनप्रतिनिधि सम्मेलन कराने जा रही है। ये राजनीतिक कार्यक्रम संक्रमण को रफ्तार बढ़ा सकते हैं। दिल्ली में महंगाई के खिलाफ रैली की अनुमति नहीं मिलने पर अब कांग्रेस ने 12 दिसंबर को इसे जयपुर में करने का फैसला किया है। इसके माध्यम से कांग्रेस सियासी ताकत दिखाएगी। राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित बड़े नेता शामिल होंगे।
कांग्रेस नेता इस रैली में एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाने का दावा कर रहे हैं। भीड़ जुटाने के लिए राजस्थान और पड़ोसी राज्यों को टारगेट दिया गया है। रैली की जगह तय करने और व्यवस्थाएं देखने के लिए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन 3 दिसंबर को जयपुर पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके सारे मंत्री इसकी तैयारियों में जुट गए हैं।
राजधानी में दो सियासी कार्यक्रमों से कोरोना का बढ़ा खतरा
जयपुर में बैक टू बैक दो बड़े सियासी कार्यक्रमों से कोरोना बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। बीजेपी 5 को जनप्रतिनिधि सम्मेलन में हजारों की भीड़ जुटा रही हैं। इसके ठीक एक सप्ताह बाद 12 दिसंबर को कांग्रेस की बड़ी रैली है। दोनों राजनीतिक कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नामुमकिन है।
जयपुर में सबसे ज्यादा 115 एक्टिव केस
राजस्थान में कोरोना की रफ्तार नवंबर से लगातार बढ़ने लगी है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 257 फीसदी केस बढ़े हैं। नवंबर में 30 दिन में पूरे प्रदेश में 365 मरीज मिले हैं, जबकि अक्टूबर में यह संख्या केवल 102 थी। सितंबर में 232 मरीज मिले थे।
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