उदयपुर में हुए हत्याकांड को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आतंकवादी घटना बताया है। पूनिया ने कहा-यह हमला अकेले कन्हैयालाल पर नहीं पूरे हिन्दू समाज पर हमला है। सिलसिला रुका नहीं तो राजस्थान की जनता कानून व्यवस्था को लेकर 2023 का इंतजार नहीं करेगी। उन्होंने कहा राजस्थान में बहुसंख्यकों पर जगह-जगह हमले और उनकी हत्याएं हो रही हैं। यह अशोक गहलोत की तुष्टिकरण की नीति का ही परिणाम है। जिससे यह वारदात हुई है। ये सोचने और समझने का मुद्दा है किस तरह देश के प्रधानमंत्री तक हमला करने की बात कही गई। दिन दहाड़े इस तरह की वारदात केवल एक आदमी के बस की बात नहीं है। राजस्थान में जिस तरह PFI और दूसरे आतंकवादी संगठनों का कांग्रेस के संरक्षण में आना-जाना हुआ है। उन्हें जो संरक्षण मिला है। उसकी ठीक से पड़ताल की जाए। तो इनके तार निश्चित रूप से आतंकी संगठनों से जुड़े हुए मिलेंगे।
पूनिया ने कहा-अब देखना यह है कि राजस्थान के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री किस तरह से उन आतंकवादियों तक पहुंचते हैं। घटना शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण, वीभत्स है। उदयपुर समेत पूरा राजस्थान गुस्से में है। उदयपुर में व्यापारियों ने बंद किया है। उदयपुर में आने वाले समय में एक आंदोलन कानून व्यवस्था को लेकर कई संगठन करेंगे। बीजेपी उनके साथ मिलकर इसमें शामिल होगी। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया उदयपुर रवाना हो गए हैं। उन्होंने ये हत्याकांड सामान्य बात नहीं है। जहां तक बात जाएगी सुरक्षा एजेंसियों और सरकारों को तय करना है। लेकिन पहली नैतिक जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की है। राजस्थान का मुख्यमंत्री और गृहमंत्री केवल एक ट्वीट करके लोगों के भरोसे को बहाल नहीं कर सकता। लोगों के सर कलम हो रहे हैं। दिन दहाड़े हत्याएं हो रही हैं। प्रदेश का मुखिया अभी भी शांति और सदभाव की अपील कर रहा है। यह उनका दोहरा चरित्र है। सर कलम करने पर लाश पर राजनीति करना, लानत है ऐसी कुर्सी और ऐसे पद पर। उनका धर्म था भरोसा देते। उनका प्रशासन,पुलिस और वो खुद हरकत में आते। केवल सियासी बयानबाजी करने से प्रदेश को सुरक्षा नहीं मिलेगी। उनको इस बात की कड़े शब्दों में निन्दा करनी चाहिए थी और लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए था।
ऐसे अपराधियों के घर बुलडोजर घुमाकर तोड़ने चाहिए
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा- राजस्थान सरकार को योगी की तरह ऐसे अपराधियों के घर बुलडोजर घुमाकर तोड़ने चाहिए, तब जाकर उन्हें सबक मिलेगा। मैं उदयपुर जा रहा हूं। सरकार को मुझे सुरक्षा देनी है तो दें, नहीं देनी है तो नहीं दे। आरोपी ने कहा था- मैं उस आदमी का गला काटूंगा। वह पहले से ही धमकी दे रहा था। 17 जून को ही वीडियो बनाने की जानकारी मिल रही है। घटना को अंजाम देने के बाद वीडियो वायरल किया गया है।
सरकार के मुखिया इन विषयों को तूल देते हैं
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा - उदयपुर में हत्याकांड की घटना दुर्भाग्यपू्र्ण है। राजस्थान सरकार और उसके मुखिया जिस तरह से इन विषयों को तूल देते हैं। आगे बढ़कर इन विषयों का खुद नेतृत्व करते हैं। वो ऐसे अराजक और असामाजिक तत्वों को इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्रदेश के सफेद इतिहास पर कालिख पोतने का एक और मौका राजस्थान सरकार ने अपने लॉ एंड ऑर्डर फेलियोर के जरिए दिया है। मैं ऐसा इसलिए जिम्मेदारी से कह रहा हूँ क्योंकि मृतक ने आज से एक सप्ताह पहले भी पुलिस को आगाह किया था कि मुझे धमकी भरे कॉल टेलीफोन से आ रहे हैं।लेकिन उसके बावजूद उसे सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई। इसकी जांच होनी चाहिए। राजस्थान सरकार के किस व्यक्ति के दबाव में राजस्थान पुलिस इस तरह के तानाशाह असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं करती है।
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करौली हिंसा के आरोपी मकबूल अहमद को आज तक नहीं पकड़ा
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा-करौली हिंसा में PFI का रोल सामने आया। उसके मूल अपराधी मकबूल अहमद को आज तक नहीं पकड़ा गया। उसका परिणाम यह हुआ कि उदयपुर में एक व्यक्ति का सर कलम कर दिया। दूसरे जवानों को प्रेरित किया तुम भी सर कलम करो। देश के प्रधानमंत्री का भी सर कलम करने की धमकी दी। उस पर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री राजनीति कर रहे हैं कि देश के PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शांति की अपील करें। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री तो आप (गहलोत)हो, कानून स्थिति आपके इलाके में बिगड़ी है। सर कलम राजस्थान में किया जा रहा है। शांति की अपील आप करो और अपराधी से सख्ती से निपटो। जिससे देश और राज्य का तानाबाना, भाईचारा नहीं बिगड़े। शांति भंग नहीं हो। मुख्यमंत्री को इसे प्राथमिकता में लेते हुए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
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