कोरोना की स्वदेशी 'कोवैक्सिन' का ट्रायल जयपुर में विद्याधर नगर स्थित महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में चल रहा है। लोगों में इसे लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं। डर भी है कि कहीं कोई साइड इफेक्ट ना हो जाए। अपने पाठकों के इस डर को दूर करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रायल के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत ने भी अग्रसेन हॉस्पिटल में जाकर टीका लगवाया।
वैक्सीनेशन के बाद उन्होंने कहा, 'पत्रकारों को लेकर कुछ लोगों के मन में निगेटिव इमेज रहती है। यह धारणा है कि ये तो हमेशा निगेटिव खबरें देते हैं। इसलिए मुझे लगा कि मुझे एक अच्छी खबर का हिस्सा बनना चाहिए। वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने के बाद मुझे कितनी खुशी हो रही है, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। एक गहरा सुकून महसूस कर रहा हूं।'
...ताकि जिंदगी की गाड़ी चलती रहे
वैक्सीन ट्रायल से पहले लक्ष्मी प्रसाद पंत ने बताया कि उन्होंने जिंदगी में दो ट्रायल दिए हैं। पहला ड्राइविंग लाइसेंस के लिए। दूसरा 18 साल बाद कोरोना वैक्सीन के लिए। तब मैंने गाड़ी चलाने के लिए ट्रायल दिया था। अब जिंदगी की गाड़ी चलती रहे, उसका ट्रायल दे रहा हूं। लक्ष्मी प्रसाद पंत को वैक्सीन लगाने से पहले उनका फुल बॉडी चेकअप किया गया। वजन और हाइट से लेकर बीपी तक की जांच की गई। वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टेस्ट भी किया गया।
लोगों के लिए किया यह प्रयोग: पंत
इस दौरान उन्होंने कहा कि जीवन में एक जर्नलिस्ट के तौर पर खबरों को लेकर बहुत प्रयोग किए हैं। इस बार समाज हित के बड़े परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आज ये प्रयोग करके भी देख लिया। निश्चित तौर पर यह देखकर दूसरे लोग भी वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनेंगे। जितनी जल्दी ट्रायल कंपलीट होगा, उतनी जल्दी भारत में इसे मंजूरी मिलेगी।
'अब मैं भी कोरोना वॉलंटियर'
वैक्सीनेशन के बाद उन्होंने बताया मेरी पहचान अब कोरोना वॉलंटियर के रूप में हो गई है। इसका सर्टिफिकेट भी मुझे मिला है। हमारे साथी संदीप भी एक कोरोना वॉलंटियर हैं, जिन्होंने वैक्सीन का ट्रायल दिया है।
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