गुढ़ा बोले-पायलट को अभिमन्यु की तरह घेरने का षडयंत्र:विधायक इंद्राज बोले-सचिन को बदनाम करने की साजिश में शामिल हैं विजय बैंसला

जयपुर6 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

गुर्जर नेता विजय बैंसला के राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने पर अब सचिन पायलट खेमे ने कड़ा विरोध जताया है। पायलट समर्थक ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और कांग्रेस विधायक इंद्राज गुर्जर ने राहुल गारंधी की यात्रा के विरोध पर विजय बैंसला को निशाने पर लिया है। गुढ़ा और इंद्राज गुर्जर ने विजय बैंसला पर गहलोत खेमे के इशारे पर सचिन पायलट को बदनाम करने के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया।

मंत्री गुढ़ा और विधायक इंद्राज गुर्जर ने कहा कि सचिन पायलट को बदनाम करने के लिए विजय बैंसला को टूल बनाया जा रहा है। गांव का साधारण सा आदमी भी यह चर्चा करते मिल जाएगा कि पायलट को बदनाम करने की साजिश चल रही है। गुढ़ा और गुर्जर जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

विजय बैंसला पायलट को घेरने वाले षडयंत्र के शकुनी न बनें

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा- सचिन पायलट को अभिमन्यु की तरह घेरने का षडयंत्र चल रहा है। विजय बैंसला को इस षडयंत्र का शकुनी नहीं बनना चाहिए। राहुल गांधी की यात्रा के विरोध में विजय बैंसला को आगे करके सचिन पायलट को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। बैसला का राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने का कोई कायदा नहीं बनता है। विजय बैंसला को हथियार नहीं बनना चाहिए। आरक्षण से जुड़ी मांगों पर जो कुछ करना है वह तो राजस्थान सरकार को करना है, मुख्यमंत्री को करना है। मुख्यमंत्री से मिलने की जगह वे जिधर जा रहे हैं वह सचिन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

विजय बैंसला नहीं इस खेल का खिलाड़ी कोई और है

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा - विजय बैंसला बदनीयति से सचिन पायलट को बैकफुट पर लाने और उन्हें बदनाम करने के षडयंत्र का हिस्सा बन गए हैं। विजय बैंसला की आरक्षण से जुड़ी और मुकदमे वापसी की मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखें, राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने का तुक समझ नहीं आता। यह उनकी खुद की सोच नहीं है। कन्याकुमारी से यात्रा चल रही है, सा तो बीजेपी इसका विरोध करे। जब बीजेपी इसका विरोध नहीं कर रही तो फिर बीजेपी नेता विजय बैसला किस आधार पर विरोध कर रहे हैं। यह विरोध किसके इशारे पर कर रहे हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। यह कहीं पे निगाहें कहीं पर निशाने वाला मामला है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जर समाज के ​कद्दावर नेता थे, उनका समाज के लिए त्याग रहा है। विजय बैसला को समझना चाहिए कि समाज क्या चाह रहा है? इस पूरे खेल में खिलाड़ी कोई और है।

इंद्राज गुर्जर बोले- विजय बैंसला पायलट को बदनाम करने के षडयंत्र का शिकार

इंद्राज गुर्जर ने कहा- जब से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन हुआ है, तब से विजय बैंसला खुद के दिमाग से काम नहीं कर रहे हैं। विजय बैंसला को कोई और ही चला रहा है। पिछले दिनों पुष्कर की घटना सबने देखी होगी। पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की श्रद्धांजलि सभा का राजनीतिकरण किया गया। उस कार्यक्रम में सचिन पायलट को बदनाम करने के लिए साजिश रची, जनता ने उसका भंडाफोड़ किया। अब विजय बैंसला राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने उतरे हैं। विजय बैंसला को आगे करके जो नेता इन्हें सपोर्ट कर रहे हैं उन्हें सामने आकर यात्रा का विरोध करना चाहिए ताकि उनके चेहरों से नकाब हटे।

इंद्राज ने कहा- विजय बैसला सचिन पायलट को सीएम बनाने की बात कर रहे हैं। पायलट के बारे में फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। बैंसला जिस तरह​ षडंयत्र का शिकार हो रहे हैं, पूरा समाज उनके खिलाफ है। समाज को राजनीतक षडयंत्र का शिकार नहीं होने देना चाहिए। गुर्जर समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। विजय बैंसला जिन मांगों और समझौते की बात कर रहे हैं तो वे सरकार के मंत्रियों से मिलें, जिनसे समझौता हुआ था। राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करके क्या हासिल करना चाहते हैं?

पायलट के घुटने के बराबर भी नहीं आते ये लोग, उनका कद बहुत बड़ा
इंद्राज ने कहा- एक बार किरोड़ीलाल मीणा ने कहा था कि सचिन पायलट का कद इतना बड़ा है कि ये लोग उनके घुटने तक भी नहीं आते। पायलट का कद बहुत बड़ा है। जब समाज के आरक्षण की बात आती है तो विजय बैंसला बंद कमरों में मीटिंग करते हैं और जब विसंगति की बात आती है तो विधायकों को दोष देते हैं। ऐसी ही बंद कमरों की मीटिंग में ही पायलट के खिलाफ षडयंत्र किया गया। विजय बैंसला की वजह से ही कर्नल बैंसला की आरक्षण संघर्ष समिति भी अब दो फाड़ हो गई है। विजय बैंसला बताएं वे किसके बहकावे में काम कर रहे हैं। पूरा प्रदेश जानता है कि इस खेल के पीछे कौन हैं? इसी वजह से उन्हें बैकफट पर आना पड़ा। विजय बैंसला को समाज को राजनीतिक षडयंत्र में शामिल करने पर माफी मांगनी चाहिए।

खबरें और भी हैं...