भीलवाड़ा में किराए के कमरे में रहने वाली नेहा छीपा राजस्थान में हाल ही में जारी हुए आरएएस के परिणामों में 48वी रैंक हासिल की है। नेहा ने इन सभी के पीछे अपने पिता की महत्वपूर्ण भूमिका बताई है। नेहा ने बताया कि जिस समाज से संबंध रखती है। उसमें आज भी रूढ़िवादी परंपराएं चलती है। आज भी बेटियों को पढ़ने के लिए अकेले नहीं भेजना चाहते।
नेहा के दसवीं में 93 प्रतिशत व 12वीं में 80 प्रतिशत आने के बाद नेहा के पिता सुरेश कुमार को लगा कि उनकी बेटियां उनका नाम कर सकती है। उसके बाद उन्होंने सबसे पहले नेहा को भीलवाड़ा में अपने नाना के पास पढ़ने भेजा। अपनी बेटी को अकेला समझ पिता रह नहीं पाए और उसके बाद नेहा की दो बहने एक भाई व माता को लेकर पिता भी भीलवाड़ा में किराए का कमरा ले लिया।
नेहा ने बताया कि उसने सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी की तैयारी 2017 में शुरू कर दी थी। 2017 में ही उसने सेंट्रल नौकरी का एग्जाम दिया था। परिणाम आने बाकी थे। इसी दौरान समय काफी बाकी था। इस दौरान मित्रों के कहने पर उसने जीके की तैयारी करते हुए आरएएस प्री के एग्जाम की तैयारी की। पहली बार प्री का एग्जाम देने के दौरान नेहा का कटऑफ में नंबर नहीं आया। लेकिन उस परिणाम का फिर संशोधन हुआ और नेहा का कटऑफ में नंबर आ गया।
इसके बाद नेहा ने पहली बार अपने माता-पिता से परे होकर जोधपुर में मेंस परीक्षा की तैयारी की। मेहनत का परिणाम यह निकला कि नेहा अब जारी हुए परिणामों में राजस्थान में 48 में रैंक पर है। नेहा ने बताया कि उसका गांव चित्तौड़गढ़ में बेगू है। लेकिन नेहा और उसके भाई बहनों की पढ़ाई के लिए उसके पिता ने वहां से अपना घर छोड़ भीलवाड़ा में किराए का घर लिया। नेहा के पिता यहां अकाउंट सर्विस का कार्य करते हैं।
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