मानसरोवर स्थित सेंट विल्फ्रेड कॉलेज ऑफ लॉ में शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सुषमा गौड़ ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ छात्रों को दिलवाई। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक पवित्र दस्तावेज हैं, जिसमें संविधान निर्माताओं ने विश्व के सभी संविधानों का अवलोकन कर हमारे देश के लिए एक उत्कृष्ट संविधान 26 नवम्बर 1949 को अधिनियमित किया।
संविधान दिवस के मौक पर संविधान के अनुच्छेद 44 ‘समान नागरिक संहिता’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजिन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ संविधान की प्रस्तावना का उद्वोधन शपथ के रूप में किया गया। कार्यक्रम का विषय ‘समान नागरिक संहिता’ के संदर्भ में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने मत पक्ष और विपक्ष में रखें। कार्यक्रम में पक्ष व विपक्ष दोनों ओर से 25-25 प्रतिभागियों ने अपना पक्ष रखा। विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी बेबाक राय रखी। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षता कर रहे उपप्राचार्य डॉ. अमीन कुमार सिंह ने कार्यक्रम का निर्णायक मत प्रस्तुत किया एवं दिपाली शर्मा को पक्ष की ओर से प्रथम स्थान, इति शर्मा को विपक्ष की ओर से प्रथम स्थान एवं सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में जुबेर को मेडल व स्मृति चिंह भेटकर सम्मानित किया।
संस्था के मानद् सचिव डॉ. केशव बड़ाया ने कहा कि संविधान दिवस हमारे देश में महत्वपूर्ण दिन है और विद्यार्थियों में संविधान के मूल्यों को प्रसारित करना काफी महत्व रखता है। उन्होंने संविधान का प्रस्तावना का महत्व बताते हुए कहा कि यह संविधान निर्माताओं के विचार जानने की कुंजी हैं। साथ ही साथ संविधान दिवस हमें स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास दिलाने के साथ संविधान में लिखित हमारे मौलिक अधिकारों की याद दिलाता है। यह एक नागरिक होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है।
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