पंजाब कांग्रेस प्रभारी और बायतू से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने नाम लिए बिना सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। हरीश चौधरी ने कहा- कई और सवाल हैं, जब सवाल करते हैं तो सही जगह उत्तर देने की जगह उसका जवाब और कहीं मिल जाता है। मैंने एक सवाल उठाया कि जिन्होंने भी मेरे खिलाफ सीबीआई की इंक्वायरी करवाई, ये सवाल जिंदा रखूंगा जब तक जवाब नहीं मिलेगा। हरीश चौधरी बाड़मेर के सिवाना में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
हरीश चौधरी ने कहा- उस दिन मेरे मंच पर मानवेंद्र सिंह बैठे थे। जो विवाद करवाने वाले थे, उन्होंने क्या विवाद करवाया कि हरीश मानवेद्र सिंह के बारे कह रहा है। हरीश चौधरी कभी इशारों से बात नहीं करता। मैं मानवेंद्र की बात होती तो उसी मंच से कहता कि क्या आप शामिल थे या नहीं थे। मैं आज कहता हूं मानवेंद्र सिंह मेरे खिलाफ सीबीआई जांच करवाने में शामिल नहीं थे। वो लोग लड़वाना चाहते हैं। लड़वाना इसलिए चाहते हैं कि जो मूल मुद्दा और जड़ है, मूल बात है, उस तक हम नहीं पहुंचें। मैं उनको चेतावनी देना चाहता हूं, जो सच्चाई है, वह सचाई रहेगी। सच्चाई को हम लोगों के बीच गलतफहमी और विवाद पैदा करके कम नहीं कर सकते। मैं उसका उत्तर भी दूंगा, तथ्यों के आधार पर और पूरी जानकारी के आधार पर जवाब दूंगा। इंतजार कीजिए।
कमलेश प्रजापति एनकाउंटर में लगे थे आरोप
बाड़मेर में मई 2021 में हुए कमलेश प्रजापति के एनकाउंटर पर हरीश चौधरी के विरोधियों ने उनकी भूमिका होने का आरोप लगाया था। बाद में परिजनों और सामाजिक नेताओं ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुहीम चलाई। राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया। कमलेश प्रजापति एनकाउंटर में हरीश चौधरी के खिलाफ मुहीम में मानवेंद्र सिंह का समर्थन होने को लेकर सियासी चर्चाएं चलीं थी। हरीश चौधरी ने उन चर्चाओं को सिरे से खारिज करते हुए मानवेंद्र सिंह की कोई भूमिका होने से साफ इनकार कर दिया।
हरीश चौधरी ने विधानसभा में कहा था- मेरे संरक्षक ने सीबीआई में जांच दी
हरीश चौधरी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में भी इस मुद्दे को उठाते हुए पेपरलीक और सीबीआई जांच पर सरकार को घेरा था। हरीश चौधरी ने कहा था कि मेरे संरक्षक ने ही मेरे खिलाफ सीबीआई जांच करवाने की मंजूरी दी।
लंबे समय से गहलोत के खिलाफ मोर्चा, पायलट से मुलाकात के बाद सियासी चर्चाएं
हरीश चौधरी पहले सीएम अशोक गहलोत खेमे में थे, नवंबर 2021 तक वे राजस्व मंत्री थे। बाद में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी की जिम्मेदारी का हवाला देकर मंत्री पद छोड़ा था। मंत्री रहते हुए ही कई मुद्दों पर हरीश चौधरी के सीएम से मतभेद हो गए थे, लेकिन उन्होंने बयानबाजी नहीं की। पिछले साल भर से तल्खियां और बढ़ गई। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर हरीश चौधरी ने तल्ख तेवर दिखाए थे।
हरीश चौधरी ने सीएम गहलोत पर धोखा देने तक के आरोप लगाकर नवंबर में मोर्चा खोला था। इसके बाद से लगातार हरीश चौधरी तल्ख तेवर अपनाए हुए हैं। पिछले दिनों सचिन पायलट से उनकी लंबी मुलाकात भी सियासी चर्चा का मुद्दा बनी हुई है। सियासी हलकों में ऐसा माना जा रहा है कि हरीश चौधरी अब पायलट खेमे की तरफ जा रहे हैं, हांलाकि मुलाकातें पहले भी हुई हैं लेकिन अब सियासी नजदीकियां बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
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