आदिवासियों के आस्था केंद्र बेणेश्वर धाम पर रखी गई कांग्रेस की सभा में काले रंग का खौफ देखा गया। सभा में काले रंग से परहेज रखा गया था। किसी को भी काले रंग के पकड़े ले जाने की अनुमति नहीं थी। शर्ट, टी-शर्ट, स्कार्फ, दुपट्टा अगर काले रंग का था, तो उसे बाहर ही उतरवा लिया गया। राहुल की सभा में विरोध के डर से पुलिस-प्रशासन ने ऐसा किया। एंट्री गेट पर सबके रूमाल तक की जांच की गई। महिला हो या पुरुष सबकी तलाशी लेकर यह सुनिश्चित किया गया कि उसके पास काले रंग का कोई कपड़ा नहीं है। लड़कियों के दुपट्टे तक उतारकर बाहर रखवा लिए गए। एंट्री गेट के बाहर दीवार पर काले रंग के कपड़ों का ढेर लग गया।
सोमवार को राहुल गांधी की बेणेश्वर सभा में बड़ी संख्या में आदिवासी पहुंचे थे। सुबह से ही रैली में पहुंचने वालों का सिलसिला शुरू हो गया था। आम लोगों को एंट्री देने से पहले गेट पर तलाशी ली गई।
बीजेपी राज में भी सभाओं में बैन थे काले कपड़े
बीजेपी राज के दौरान वसुंधरा राजे की सभाओं में भी काले रंग का कोई कपड़ा लेकर जाने पर बैन था। उस समय कांग्रेस सभाओं में काले कपड़ों को बैन करने पर खूब तंज कसती थी। अब कांग्रेस भी उसी रास्ते पर है। कांग्रेस को अब विरोध का डर सता रहा है। बीजेपी राज के दौरान बेरोजगारों और किसानों ने कई जगह सभाओं में काले झंडे दिखा दिए थे। उसके बाद से सख्ती की गई थी।
काले झंडे दिखाने की आशंका थी
बीजेपी के राज्यसभा सासंद किरोड़ीलाल मीणा सरकार का लगातार विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी सांसद किरोड़ी का विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए उन्हें जिले में एंट्री नहीं दी गई थी। कई बेरोजगार युवाओं के संगठनों से भी काले झंडे दिखाए जाने की आशंका थी। सभा में कोई किरोड़ी समर्थक या बेरोजगार काले झंडे दिखाकर विरोध नहीं कर दे, इससे बचने के लिए सभा में काले रंग को ही बैन कर दिया गया।
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