प्रदेशभर में धनतेरस से भैया दूज तक बिजली कटौती नहीं करने के CM के सख्त निर्देश हैं। लेकिन दीपावली के त्योहारी मौसम में बिजली प्रोडक्शन घटने और बिजलीघरों को चलाने के लिए कोयला फ्यूल की कमी, ये दोनों तरह के संकट खड़े हो गए हैं। प्रदेश में दीपावली से पहले पावर प्लांट्स की करीब 3000 मेगावाट कैपेसिटी की 11 यूनिटें ठप हैं। इनमें से 7 यूनिटें दीपावली के त्योहार से ठीक पहले 13 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर तक बंद की गई हैं। सभी को बंद करने के टेक्नीकरण कारण बताए गए हैं।
दूसरी तरफ प्रदेश के बिजली घरों में फ्यूल के रूप में कोयला स्टॉक घटकर 1 से 6 दिन तक का ही बचा है। तीन बिजली घरों सूरतगढ़, छबड़ा और छबड़ा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट में सिर्फ आज चलने लायक ही कोयला बाकी है। कोयला कंपनियों से कोल रैक भिजवाने के लिए मांग लगातार की जा रही हैं। बाकी बिजली घरों में भी 3 और 6 दिन का ही कोयला बचा है।
बिजली की डिमांड धनतेरस से पहले करीब 1000 मेगावाट बढ़ गई है। दीवाली पर डिमांड में 2000 मेगावाट तक और बढ़ोतरी हो सकती है। 15 अक्टूबर को पीक डिमांड 11524 थी, जो 21 अक्टूबर को 12518 मेगावाट पहुंच गई। 22 अक्टूबर को भी डिमांड 12524 मेगावाट रही है। लेकिन 23 और 24 अक्टूबर को डिमांड का कैसा ट्रेंड रहेगा, इसे लेकिन बिजली विभाग और सरकारी पावर कंपनियां चिन्तित हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली पर इंडस्ट्रीयल लोड 2000 मेगावाट तक कम होगा, क्योंकि फैक्ट्री, कारखाने, उद्योगों में छुट्टियां रहेंगी। लेकिन पावर प्रोडक्शन घटने के कारण एक्सट्रा बिजली की जरूरत पड़ सकती है। इस साल जून में सबसे ज्यादा 16012 मेगावाट बिजली डिमांड आई थी।
बिजली कटौती नहीं, खरीद होगी
दीपावली के त्योहारी मौके पर CM गहलोत ने राजस्थान की बिजली कंपनियों - जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL), अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL), जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL) को बिजली कटौती नहीं करने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार ने राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RUVNL) को दिवाली पर बिजली डिमांड की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर बिना रुकावट बिजली सप्लाई देने को कहा है। ऐसे में RUVNL ने बिजली की खरीद का प्रोसेस बढ़ा दिया है।
बिजली की खरीद और बैंकिंग प्रोसेस शुरू
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RUVNL) के चीफ इंजीनियर मुकेश बंसल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि बिजली की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है। इन दिनों बिजली सस्ती ही मिल रही है। औसत 4 रुपए रेट पर बिजली खरीद हो रही है। लेकिन दिवाली पर डिमांड बढ़ी तो तुरंत बिजली खरीदी जाएगी। कटौती नहीं करनी है। इसलिए RUVNL पूरी तरह अलर्ट है। दिवाली पर वैसे इंडस्ट्रीयल लोड 2000 मेगावाट तक घट जाता है। जिससे राहत रहती है। अबकी बार क्या ट्रेंड रहेगा, रियल टाइम मॉनिटर होगा। निगम त्योहार के मौके पर पूरी तरह अलर्ट है।
बंसल ने बताया-निगम ने कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड से कॉन्ट्रैक्ट के तहत 380 मेगावाट पावर परचेज फिर से शुरू कर दी है। पावर एक्सचेंज से भी 300 मेगावाट तक बिजली लेने का प्लान किया गया है। सर्दी के मौसम में नवम्बर से फरवरी तक रबी का फसली सीजन भी रहेगा। इस दौरान बिजली की अधिकतम डिमांड 16500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। इससे निपटने के लिए उत्तरप्रदेश की बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों से 15 नवम्बर से 1500 मेगावाट बिजली बैंकिंग प्रोसेस से ली जाएगी। इसके तहत जितनी बिजली राजस्थान लेना, उतनी ही बाद में लौटानी भी होगी। अगले साल अप्रैल से सितम्बर 2023 के बीच राजस्थान को यूपी को यह बिजली लौटानी होगी। उस वक्त पर यूपी में बिजली की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा शॉर्ट टर्म टेंडरिंग के आधार पर 250 मेगावाट बिजली और खरीदी जाएगी।
करीब 3000 मेगावाट की 11 पावर यूनिट ठप हैं
सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन की 1, 3, 5 और 6 नम्बर की 250-250 मेगावाट की चार यूनिट ठप पड़ी हैं। इनमें से तीन यूनिट एक-एक कर 15, 16 और 20 अक्टूबर को बंद हुई हैं। सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की यूनिट भी 16 अक्टूबर से ठप है। कालीसिन्ध थर्मल पावर स्टेशन की 1 नम्बर की 600 मेगावाट की यूनिट 13 अक्टूबर से बंद है। इनके अलावा कोटा थर्मल पावर स्टेशन की 1 नम्बर की 110 मेगावाट, 4 नम्बर की 210 मेगावाट यूनिट 20 अक्टूबर से ठप हो गई हैं। कोटा थर्मल की 3 नम्बर की 210 मेगावाट यूनिट 8 अगस्त से ही बंद चल रही है। राजवेस्ट की 3 नम्बर की 135 मेगावाट यूनिट 19 अक्टूबर से बंद है। रामगढ़ जीटी-2 की 37.50 मेगावाट यूनिट भी ठप पड़ी है।
पावर प्लांट में कोयला 1 से 6 दिन का बचा
सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन, छबड़ा थर्मल पावर प्लांट, छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट चलाने के लिए केवल 1-1 दिन का ही कोयला बचा है। कोटा थर्मल पावर स्टेशन पर 3 दिन, सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन और कालीसिन्ध थर्मल पावर स्टेशन पर 6-6 दिन का कोयला बाकी है। केंद्र की गाइडलाइंस के मुताबिक 26 दिन का कोयला स्टॉक रखना चाहिए।
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