BJP में CM रेस पर बोले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया:जो केंद्र के निर्णय में बाधा बना, दूध में से मक्खी की तरह फेंका

जयपुर9 महीने पहले
जो केंद्र के निर्णय में बाधा बना, दूध में से मक्खी की तरह फेंका-कटारिया

राजस्थान में BJP नेताओं में चल रही CM फेस की दौड़ और दावेदारी पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा-BJP की केन्द्रीय टीम इस पर फैसला लेगी। उस फैसले के खिलाफ पार्टी में कोई बाधा नहीं बन सकता है। किसी ने ट्राय भी किया तो दूध में मक्खी की तरह फेंक दिया जाता है। घूम फिरकर उसे वापस हमारी पार्टी की शरण में आना ही पड़ता है। कल्याण सिंह, उमा भारती को भी घूम फिरकर पार्टी में ही आना पड़़ा। हमारी पार्टी व्यक्ति आधारित नहीं विचारधारा पर आधारित पार्टी है। इसलिए हम 70 साल की यात्रा में अपने लक्ष्य में कामयाब हुए हैं।

शिवसेना जैसी दशा हमारे किसी नेता की बन सकती है

कटारिया ने कहा- मैं सोचता हूं बीजेपी में कोई कितना भी मुख्यमंत्री बनना चाहे। पार्टी इतनी अनुशासित और मजबूत है कि केन्द्र सरकार की कमेटी जो फैसला करेगी उसकी 100 फीसदी पालना होगी। कोई इसके खिलाफ जाने की कोशिश करेगा तो 2-4 लोगों को ले जा सकता है। अभी जिस तरह महाराष्ट्र में शिवसेना की दशा बनी है, वही हमारे किसी नेता की बन सकती है। अगर उसमें अहंकार हो तो, ये पार्टी कार्यकर्ताओं और विचारधारा के आधार पर चलने वाली पार्टी है। इसे गुलाबचन्द या कोई दूसरा व्यक्ति नहीं चलाता है। ये लाखों लोगों के खून पसीने से तैयार की गई पार्टी है। कटारिया ने कहा CM फेस के लिए नेता अपनी-अपनी दावेदारी तो कर सकते हैं, लेकिन फैसला केन्द्रीय टीम ही करेगी। केन्द्र की टीम जिसके पक्ष में फैसला लेगी। हम उसके साथ 100 फीसदी जुड़कर काम करेंगे।

लेन-देन के आधार पर खुश करोगे,तो कभी ना कभी अपनी बात बोलेगाा

पूर्वी राजस्थान से गहलोत मंत्रिपरिषद में 10 से ज्यादा मंत्री होने और ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर सियासी फायदा लेने के मुद्दे पर कटारिया ने कहा- 10 की बात छोड़ें, वहीं से सबको मंत्री बना दें, तो भी वो इस सरकार के खिलाफ बोलने से रुकने वाले नहीं हैं। क्योंकि इस समय जिस तरह प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। जिसकी भी चिट्ठी चिपकी है, वो आज अपने फायदे के लिए सरकार के साथ बने हुए हैं। उनकी जय जयकार कर रहे हैं। कल वही सबसे ज्यादा वोकल होकर बोलेंगे । वो ही सबसे ज्यादा नुकसान करेंगे। राजनीति में कई बार सोचते हैं कि हम किसी को खुश करते हैं तो वो बोलेगा नहीं। लेकिन लेन-देन के आधार पर खुश करोगे, तो वो कभी ना कभी अपनी बात बोले बिना नहीं रहेगा।