'इंवेस्ट राजस्थान समिट' में गौतम अडाणी के आने को लेकर BJP नेताओं के सवाल उठाने पर सयासी वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है। पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं पर पलटवार किया, इसके बाद राहुल गांधी भी गहलोत का समर्थन करते दिखे।
गौतम अडाणी को लेकर BJP की बयानबाजी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा- गौतम अडाणी हों या कोई भी अडाणी हों, अंबानी हों। अमित शाह के लड़के जय शाह हों या कोई और। जो भी इंडस्ट्री के लोग हैं, हम यहां पर सबका स्वागत करेंगे। हमें तो रोजगार चाहिए, इंवेस्टमेंट चाहिए। गहलोत जयपुर के सीतापुरा में MSME कॉन्क्लेव के समापन समारोह के बाद शनिवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
अडाणी के मुद्दे पर गहलोत का बचाव करते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक में कहा- 'मिस्टर अडाणी ने राजस्थान में 60 हजार करोड़ के इंवेस्टमेंट का प्रपोजल दिया है। कोई भी मुख्यमंत्री इसे मना नहीं कर सकता है। मैं पॉजिशन मॉनोपॉली के खिलाफ हूं। राजस्थान सरकार ने अडाणी को कोई विशेष राहत नहीं दी है। राजस्थान की सरकार ने अपने पॉलिटिकल पावर को यूज करके अडाणी की मदद नहीं की है। अगर राजस्थान की सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से बिजनेस दिया तो मैं विरोध में खड़ा हो जाऊंगा। अगर फेयर प्रोसिजर के लिए दिया है तो कोई दिक्कत नहीं।'
मैं न बिजनेस के खिलाफ हूं,न कॉर्पोरेट के खिलाफ हूं
राहुल गांधी ने कहा- मैं न बिजनेस के खिलाफ हूं,न कॉर्पोरेट के। मेरा विरोध इस बात का है कि BJP सरकार दो तीन लोगों को हिंदुस्तान के बिजनेस में मॉनोपॉली बना रही है। मैं इसके खिलाफ हूं। अगर पूरा पॉलिटिकल पावर अनफेयरली दो या तीन लोगों की मदद करने में लग जाएगा तो देश का नुकसान होगा।
गहलोत बोले- BJP मेरा विरोध करते-करते राजस्थान का विरोध करने लगी
गहलोत ने कहा- इंवेस्ट समिट की आलोचना करना और मुद्दा बनाना BJP को महंगा पड़ेगा। शुक्रवार को मैं राजेंद्र राठौड़ को सुन रहा था। राठौड़ जब तक बोलते नहीं हैं, तब तक उन्हें नींद नहीं आती है। उनकी बातों में कोई दम नहीं है। BJP को इंवेस्ट समिट का विरोध उल्टा पड़ेगा। हर नौजवान कहेगा कि उन्हें रोजगार की सुविधा मिल रही है, उस रोजगार का ये विरोध कर रहे हैं।
इंवेस्ट समिट में शुक्रवार को 3000 लोग आए, क्या ये कांग्रेस के लोग थे? ये कोई पार्टी का या प्राइवेट प्रोग्राम नहीं है, ये तो इंवेस्टर्स का प्रोग्राम है। ये जो अड़चन पैदा कर रहे हैं, उसकी निंदा करता हूं। 3000 से अधिक निवेशकों में सभी विचारधाराओं के व्यापारी शामिल थे। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कई व्यापारी किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो क्या वे दूसरे राज्यों में निवेश नहीं करते?
गहलोत ने कहा- मुझे ये समझ नहीं आया कि भाजपा ने इस कार्यक्रम का विरोध क्यों किया? आप अशोक गहलोत का विरोध करिए, कांग्रेस का विरोध करिए पर राजस्थान के युवाओं के भविष्य के मौकों का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या राजस्थान भाजपा हमारे इतने विरोध में आ गई है कि वह प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए हो रहे कामों का भी विरोध करेगी?
क्या भाजपा अब गहलोत का विरोध करते-करते राजस्थान का ही विरोध करने पर उतारू हो गई है? राजीव गांधी के समय इन्होंने कंप्यूटर का विरोध बैलगाड़ी से चलकर किया था। आज पूरा प्रदेश देख रहा है कि निवेश और नौकरियों का विरोध कर भाजपा राजस्थान का अहित करने का प्रयास कर रही है।
राजस्थान की अब इंवेस्टमेंट फ्रेंडली डेस्टिनेशन की छवि
राजस्थान में करीब 11 लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। इससे साफ है कि प्रदेश की छवि बदली है। अब इंवेस्टमेंट फ्रेंडली डेस्टिनेशन की छवि बनी है। इसके साथ ही अलग-अलग बिजनेसमैन ने इन प्रस्तावों के इतर सोशल कमिटमेंट भी किए हैं।
इन्वेस्ट राजस्थान से करीब 10 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है। इस कार्यक्रम में सिर्फ MoU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) और LoI (लेटर ऑफ इंटरेस्ट) साइन ही नहीं हुए बल्कि करीब 40% प्रोजेक्ट अगले स्टेज में पहुंच गए हैं। देश-दुनिया के बिजनेसमैन यहां आए और यहां मिले सम्मान से अभिभूत दिखे।
कांग्रेस कभी उद्योगों के खिलाफ नहीं रही
गहलोत ने कहा- राज्य में अभी तक का सबसे बड़ा निवेश आ रहा है। मुझे बड़ा अफसोस है कि भारतीय जनता पार्टी और मीडिया का एक तबका इस इवेंट की नेगेटिव पब्लिसिटी में लगा हुआ है। मैं इन्वेस्ट राजस्थान को लेकर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुका हूं कि कांग्रेस पार्टी कभी उद्योगों के खिलाफ नहीं रही।
देश में उदारीकरण कर उद्योगों के लिए सकारात्मक माहौल बनाने का काम कांग्रेस ने किया। हमारा विरोध किसी व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई नीतियों या दूसरे का हक मारकर किसी को फायदा पहुंचाने से है।
यूपीए राज में ही पहली बार MSME मंत्रालय बनाया
गहलोत ने कहा- मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली UPA सरकार के समय भी हमने राइट आधारित कानून बनाए और आम आदमी को हक दिया। मनरेगा, RTI, RTE, NFSA जैसे कानून बनाए गए।
UPA सरकार के 10 सालों में 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया। साथ ही, MSME, छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों तक को साथ लेकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। 2006 में MSME एक्ट बनाने के बाद MSME मंत्रालय का गठन भी पहली बार UPA सरकार के दौरान किया गया। यही वजह थी कि जब देश में आर्थिक मंदी आई, तब भी भारत में मंदी नहीं आई।
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राजस्थान में इंडस्ट्री और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 'इन्वेस्ट राजस्थान समिट' शुरू हो गई है। इस समिट में गौतम अडाणी ने राजस्थान में 60 हजार करोड़ के इंवेस्टमेंट का ऐलान किया। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल को राजस्थान में सेमीकंडक्टर चिप की इंडस्ट्री लगाने के लिए भी निमंत्रित किया। (पूरी खबर पढ़ें)
अंबानी-अडाणी राजस्थान में करेंगे इन्वेस्ट:10 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रपोजल सबमिट, 11 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है। देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट राजस्थान में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं। इनमें अंबानी-अडाणी, लक्ष्मीनिवास मित्तल, बिरला, बजाज जैसे मशहूर उद्योगपति भी शामिल हैं। इससे 11 लाख लोगों के लिए रोजगार का रास्ता खुलेगा। 10 लाख करोड़ रुपए का तो प्रपोजल सबमिट हो चुका है।
आइए जानते हैं, आखिर ये सब संभव कैसे हो पाएगा? इसके लिए सरकार किस तरह के प्रयास कर रही है? (पूरी खबर पढ़ें)
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