कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के लिए चुने गए डेलिगेट्स की पहली बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग प्रमुखता से उठी। कांग्रेस डेलिगेट्स की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखते हुए वहां मौजूद नेताओं से हाथ खड़े करवाए। सभी नेताओं ने गहलोत के प्रस्ताव का समर्थन किया। गहलोत ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर के बैठक से जाने के बाद रखा।
नए बनाए गए पीसीसी मेंबर्स की शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में सबसे पहले प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर की माैजूदगी में राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशाध्यक्ष और दूसरे पदों पर फैसले का अधिकार हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया।
इस प्रस्ताव के बाद प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर-पीआरओ- बैठक से चले गए। आधिकारिक प्रस्ताव यही है जो दिल्ली भेजा जाएगा। पीआरओ के जाने के बाद गहलोत ने बैठक में कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, इस पर सभी अपनी राय रखें। गहलोत ने बैठक में मौजूद लोगों से राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने पर राय जानी तो सबने हाथ खड़े करके समर्थन किया।
राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव केवल मैसेज के लिए
राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर के जाने के बाद रखा गया। ऐसे में यह प्रस्ताव दिल्ली नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सभी नेताओं ने हाथ खड़े करके राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताकर सियासी तौर पर मैसेज देने का प्रयास किया है।
गहलोत ने खुद प्रस्ताव रखा इसलिए सियासी तौर पर इसका महत्व है। गहलोत ने एक बार फिर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए हाथ खड़े करवाकर मुद्दे को हवा दे दी है। गहलोत के बाद सभी मंत्री और नेता भी एक सुर में बोलते दिख रहे हैं।
माकन बोले- हाईकमान पर फैसला छोड़ने का प्रस्ताव आधिकारिक
बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि पीसीसी डेलिगेट्स की पहली बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है। सभी पदों पर फैसले का अधिकार हाईकमान पर छोड़ा गया है, यही आधिकारिक प्रस्ताव है। माकन के बोलते ही प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि हम सबकी भावना है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें।
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