कांग्रेस के तीन दिन के ट्रैनिंग कैंप के दूसरे दिन राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने नाम लिए बिना सचिन पायलट और अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों और पार्टी छोड़ने वाले को लेकर उन्होंने कहा कि- सत्ता से ज्यादा लंबा दूर रह नहीं पाते। सत्ता की गर्मी चाहिए तो जिस कांग्रेस की विशाल विचारधारा ने उन्हें पहचान दी, उसे छोड़कर एकदम विपरीत विचारधारा वाली पार्टी में जाने को तैयार हो जाते हैं, इससे दुर्भाग्यूपर्ण और क्या होगा?
माकन ने कहा- केवल सत्ता के लिए एकदम विपरीत विचारधारा में जाने की घटनाएं क्यों होती हैं, इसके लिए मैं आपको खुद का उदाहरण बताना चाहता हूं। 1983 में जब मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैंपस एनएसयूआई का अध्यक्ष था, तब रोहतक में ट्रैनिंग कैंप हुआ था। कैंप में राजीव गांधी, शंकरदयाल शर्मा, प्रणब मुखर्जी सहित उस समय के कई दिग्गज नेता आए। हरियाणा के तत्कालीन सीएम भजनलाल ने ये ट्रेनिंग कैंप कराया था। तीन दिन की ट्रेनिंग के बाद जब हम वापस गए तो हमारे बैग कागजों से भरे हुए थे। भजनलाल ने हम सबको डिस्कवरी ऑफ इंडिया किताब की एक-एक कॉपी भी दी। उस तीन दिन की ट्रेनिंग से कांग्रेस की विचारधारा हमारी रग-रग में बस गई।
कांग्रेस से अलग होना तो दूर, ऐसा सोच भी नहीं सकता
माकन ने कहा-मैंने ट्रेनिंग के बाद खुद को कांग्रेस के लिए समर्पित कर दिया। मुझे लगता है कि उस तीन दिन की ट्रेनिंग की बदौलत मेरे अंदर जीवन भर के लिए कांग्रेस के प्रति एक वैचारिक प्रतिबद्धता पैदा हो गई। आज कोई कितना ही प्रलोभन दे, मैं कांग्रेस से अलग होना तो दूर, अलग होने की सोच भी नहीं सकता।
माकन का इशारा पायलट-अमरिंदर की तरफ
अजय माकन ने सत्ता के लिए विरोधी विचारधारा में जाने वाले नेताओं पर नाम लिए बिना हमला बोला है। राजस्थान के ट्रैनिंग कैंप में यह बात बोलने से यह माना जा रहा है कि पिछले साल बगावत करने के चलते माकन ने इशारों में सचिन पायलट और उनके समर्थकों को निशाने पर लिया है। अजय माकन को पंजाब स्क्रीनिंग कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है और अमरिंदर सीएम पद से हटाने के बाद कांग्रेस छोड़ नई पार्टी बनाकर बीजेपी के सहयोग से चुनाव मैदान में हैं। अमरिंदर ने पहले माकन पर जुबानी हमला बोला था। ऐसे में बयान को अमरिंदर से भी जोड़ा जा रहा है।
पायलट को असैट और स्टार बता चुके माकन
अजय माकन कुछ महीने पहले सचिन पायलट को कांग्रेस के लिए असैट और स्टार प्रचारक बता चुके हैं। अब उन्होंने जिस अंदाज नाम लिए बिना तंज कसा है, उससे कांग्रेसी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं।
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