आम बोल चाल में कहा जाता है- आज है, उसका राज है। यह बात जितनी सामान्य लगती है उतनी ही गहरी है। सत्ता की राजनीति करने वालों से ज्यादा भला इस बात को कौन समझेगा? पूर्वी राजस्थान के एक कद्दावर नेता को इसका हाल ही अहसास हुआ।
दरअसल प्रदेश के मुखिया के कार्यक्रम में पूर्वी राजस्थान के नेता जुटे थे। मुखिया को विदा करने के बाद कार्यक्रम स्थल से जाते वक्त नेताजी अकेले पड़ गए। पहले प्रदेश के मुखिया की गाड़ी में जगह नहीं मिली तो एक मंत्री की गाड़ी रुकवाई। मंत्री की गाड़ी में भी जगह नहीं मिली तो पैदल ही रवाना हो गए। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया, देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर सनसनी बन गया है।
किसी ने ठीक ही कहा है, समय का भरोसा नहीं है, कभी भी पलट सकता है। जिनके एक इशारे पर गाड़ियों के काफिले आ जाते थे, वे आज लिफ्ट के लिए तरस गए। वैसे जिन नेताजी को लिफ्ट नहीं मिली वे चाहें तो आज भी एक इशारे पर गाड़ियों की कतार लगा सकते हैं, लेकिन सरकारी गाड़ी में लिफ्ट नहीं मिलने का वीडियो बनने से बात चल पड़ी।
मंत्री-विधायकों को पेगासस का डर
गुपचुप राज की बातें सुनना पौराणिक काल से ही दरबारी षड्यंत्रों का एक बड़ा टूल रहा है। इसीलिए कहावत चली कि दीवारों के भी कान होते हैं। मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार में दीवारों के कान ज्यादा ही हो गए हैं। मंत्री से लेकर विधायक तक साधारण फोन पर बात करने की जगह फेसटाइम पर बात करने को कहते हैं। सत्ताधारी पार्टी की अंदरूनी लड़ाई पर विपक्ष के एक तेजतर्रार नेता ने तंज कसते हुए सरकार पर फोन टेप करने का आरोप जड़ दिया। नाराज चल रहे सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक बड़े नेता ने भी अनौपचारिक बातचीत में कई लोगों के सामने कह दिया कि उनके फोन में तो पेगासस से निगरानी हो रही है, बाकी नेताओं की भी हो रही है। अब राज्य सरकार को पेगासस किसने दे दिया,यह बड़ा रहस्य है, क्योंकि नेताजी ने इसका खुलासा नहीं किया।
नेताओं की सीडी लाएगी सियासी भूचाल
चुनावी साल से पहले सत्ताधारी पार्टी में सियासी घमासान मचा हुआ है। सत्ता की नींव ही घमासान से रखी गई थी, इसलिए अंजाम तो यह होना ही था। इस बीच शह और मात के खेल शुरू हो गए हैं। कुछ नेताओं की बातचीत की रिकॉर्डिंग और कुछ सीडी की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सीडीज में कुछ ऐसे रहस्य बताए जा रहे हैं, जो सियासी भूचाल ला सकते हैं। बताया जाता है कि दर्जन भर नेताओं की रिकॉर्डिंग है, उसमें कई विस्फोटक बातें हैं। सीडीज को रिलीज करने का इंतजार किया जा रहा है। वैसे, चुनावी साल में सीडी रिलीज करने का पुराना ट्रेंड रहा है, लेकिन इस बार का खेल अलग है। सियासत और युद्ध में सब जायज है की तर्ज पर ही ये सीडीज तैयार की गई हैं।
राहुल की यात्रा पर दूसरी बार राजस्थान फिर हावी
राहुल गांधी ने जबसे भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, तब से राजस्थान फैक्टर हावी है। यात्रा की शुरुआत के कुछ ही दिन बाद राजस्थान में प्रदेश के मुखिया के खेमे ने जिस तरह बगावत का झंडा बुलंद किया, उससे भारत जोड़ो यात्रा से चर्चा राजस्थान के घमासान पर शिफ्ट हो गई। सप्ताह भर तक राहुल की यात्रा पर राजस्थान भारी रहा। अक्टूबर में शांति रही लेकिन प्रदेश के मुखिया ने हाल ही फिर ऐसा विस्फोटक बयान दिया कि एक बार फिर यात्रा पर राजस्थान भारी पड़ता दिख रहा है। दरअसल, राहुल गांधी की यात्रा की घोषणा भी राजस्थान से हुई थी, अब यह संयोग है कि उस पर राजस्थान फैक्टर ही भारी पड़ रहा है।
मुफ्त बिजली के वादे वाली पार्टी के स्टेट ऑफिस का बिजली कनेक्शन क्यों कटा?
देश की राजधानी से लेकर कई राज्यों में मुफ्त बिजली,पानी देने का चुनावी वादा करने वाली पार्टी अब राजस्थान में भी सियासी जमीन तलाश रही है। पार्टी के लिए पॉश इलाके में दफ्तर लिया गया। पिछले दिनों जयुपर डिस्कॉम के कर्मचारी दफ्तर आए और बिजली कनेक्शन काट गए। पता लगा कि नेतागिरी के चक्कर में बिजली का बिल नहीं भरा। अब बिल नहीं तो बिजली नहीं का नारा तो रियलिटी है, इसलिए काफी समय तक दफ्तर बिजली के बिना रहा। इसे कहते हैं दीये तले अंधेरा। पार्टी में विरोधी खेमे के कुछ नेताओं ने तंज कसा कि जो खुद की पार्टी का बिजली बिल नहीं भरते वे जनता को क्या जागरूक करेंगे। अब राजनीति में तो छोटी-छोटी बातें ही बड़ा परसेप्शन बनाती हैं।
क्रिप्टो में भारी गिरावट से सत्ता से जुड़े रसूखदारों में हड़कंप
पिछले दिनों जबसे क्रिप्टाकरेंसी में भारी गिरावट आई है, उसका असर प्रदेश के पावर कॉरिडोर के चुनिंदा चेहरों पर भी देखा जा रहा है। सत्ता के ईर्द-गिर्द कई रसूखदार चिंता में हैं। पड़ताल में सामने आया है कि कई रसूखदारों ने क्रिप्टो में बड़ा निवेश कर रखा था। गिरावट इतनी तेजी से आई कि संभलने का मौका नहीं मिला। सत्ता के गलियारों में पकड़ रखने वाले कुछ गुणीजनों के पास क्रिप्टो में निवेश करने वाले अफसर नेताओं का पूरा लेखा जोखा है। अब पता लगा है कि 'दामपंथ' में विश्वास रखने वालों ने महंगे दामों पर बेनामी सोर्स से कमाया धन बिटकॉइन में लगाया था। आज उसकी वैल्यू नाममात्र की रह गई है। सत्ता के गलियारों में एक पावरफुल, लेकिन ईमानदार शख्स ने क्रिप्टो की गिरावट की चपेट में आए रसूखदारों के बारे में चाणक्य को कॉट करते हुए रोचक टिप्पणी की। मूल श्लोक इस प्रकार है- अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति।। इसका मतलब है- चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा देकर कमाया हुआ धन भी कभी स्थिर नहीं रहता। ऐसा धन 10 सालों तक तो आपके पास रहता है,लेकिन 11वें वर्ष ही यह धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है। यह उदाहरण देने के पीछे पैसे कमाने का सोर्स बड़ा कारण है। जब गलत तरीके से पैसा कमाने वालों का नुकसान होता है तो किसी की सहानुभूति भी नहीं रहती।
'ओल्ड एज हैवन' बना एक मंत्रीजी का ऑफिस
राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी में यंग ब्लड को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा हो, लेकिन ओल्ड इज गोल्ड कहावत में विश्वास रखने वालों की भी कमी नहीं है। सरकार के एक चर्चित मंत्री अनुभव को हमेशा महत्व देते हैं। मंत्रीजी के ऑफिस में एक बड़ी तादाद अनुभवी लोगों की हैं, जो रिटायर्ड हैं। मंत्रीजी के ऑफिस में इतनी ज्यादा संख्या में रिटायर्ड अनुभवी लोगों की तैनाती से मजाक में ओल्ड एज हैवन कहने लगे हैं। अब काम कराने और करने की अपनी अपनी स्टाइल है। वैसे सचिवालय के कई ऑफिस ऐसे हैं जिनमें रिटायर्ड कर्मचारियों की भरमार है।
इलेस्ट्रेशन : संजय डिमरी
वॉइस ओवर: प्रोड्यूसर राहुल बंसल
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