4 बार प्रस्ताव भेजे जाने के बाद आखिरकार राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र ने बुधवार रात अशोक गहलोत सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी। लेकिन, मंजूरी 14 अगस्त को सत्र बुलाने की दी गई है, 31 जुलाई से नहीं.. जो कि गहलोत सरकार की मांग थी। राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा कि सत्र के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाए।
इससे पहले तीन प्रस्ताव भेजे गए, जिन्हें राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी। बुधवार को गवर्नर ने बताया कि सरकार से जो पूछा था, उसका जवाब तो नहीं दिया गया, उल्टा राज्यपाल के अधिकारों की सीमाएं बता दी गईं। पहले के प्रस्तावों को खारिज करते वक्त गवर्नर ने 21 दिन का नोटिस देने समेत 3 शर्तें दोहराई थीं।
राज्यपाल ने रखी थीं ये 3 शर्तें
1. विधानसभा का सत्र 21 दिन का क्लीयर नोटिस देकर बुलाया जाए, जिससे विधानसभा के सभी सदस्यों को सत्र में आने के लिए बराबर समय और मौका मिलना तय हो सके।
2. किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही की जाती है तो, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही होनी चाहिए। यह तय होना चाहिए कि सभी सदस्य अपनी इच्छा से शामिल हों।
3. कोरोना की गाइडलाइंस को देखते हुए यह भी साफ किया जाए कि विधानसभा के सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कैसे रखी जाएगी?
राज्यपाल का प्रेम पत्र मिला: गहलोत
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी राज्यपाल से मुलाकात की है। उनकी चर्चा के बारे में पता नहीं चल पाया। उधर, तीसरी बार अर्जी लौटाने के बाद गहलोत ने राज्यपाल से 15 मिनट मुलाकात की। राजभवन जाने से पहले गहलोत ने गवर्नर की आपत्तियों वाली चिट्ठी पर कहा कि प्रेम पत्र तो पहले ही आ चुका, अब मिलकर पूछूंगा कि क्या चाहते हैं? 70 साल में पहली बार किसी गवर्नर ने इस तरह के सवाल किए हैं। आप समझ सकते हैं कि देश किधर जा रहा है?
सरकार गिराने की साजिश, लेकिन हम मजबूत: गहलोत
राजभवन जाने से पहले गहलोत ने ये भी कहा कि जिन्होंने धोखा दिया, वे चाहें तो पार्टी में लौटकर आ जाएं और सोनिया गांधी से माफी मांग लें। साथ ही कहा कि सरकार गिराने की साजिश की जा रही है, लेकिन हम मजबूत हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी आप प्रधानमंत्री इसलिए बन पाए, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कीं।
बसपा विधायकों के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई
बसपा के ये 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे
लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर)।
अपडेट्स
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