राजस्थान में आज से एक बार फिर बिजली की कटौती शुरू हो गई है। 5 मई से गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड 14503 मेगावाट पहुंच गई है। वहीं बिजली की औसत उपलब्धता 11558 मेगावाट है। इससे राज्य में करीब 3 हजार मेगावाट बिजली अधिकतम डिमांड से कम पड़ गई है। ऐसे में गांवों में अघोषित रूप से 3 से 5 घंटे की बिजली कटौती हो रही है।
दरअसल, मौसम में बदलाव, विंड पावर मिल और बिजली की डिमांड में कुछ कमी के चलते पिछले 4 दिन से कटौती में कुछ राहत थी। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड एक बार फिर बढ़ गई। मौसम विभाग ने भी लू और हीट वेव चलने की आशंका जताई है। ऐसे में शुक्रवार से ही घोषित और अघोषित बिजली कटौती का सामना बिजली उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है।
बता दें कि 4 मई 2021 को बिजली का पीक ऑवर्स में अधिकतम लोड 11163 मेगावाट था, जबकि 4 मई 2022 को यह 14336 मेगावाट रिकॉर्ड किया गया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल 3173 मेगावाट पीक लोड बढ़ गया है।
डिमांड के कारण तय घोषित कटौती लागू रहेगी
एनर्जी डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और राजस्थान डिस्कॉम्स के चेयरमैन भास्कर ए. सावंत ने बताया कि प्रदेश में बिजली की बहुत ज्यादा मांग बढ़ने और उपलब्धता में कमी के कारण 28 अप्रैल से संभागीय मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, नगरपालिका क्षेत्रों और 5 हजार से ज्यादा आबादी वाले गावों में शेड्यूल के मुताबिक बिजली कटौती की जा रही है।
सावंत ने कहा कि 1 मई के बाद उपलब्ध बिजली के हिसाब से घोषित कटौती समय से कुछ कम की गई है। उन्होंने कहा आज भी राजस्थान की कुल औसत बिजली उपलब्धता 11062 मेगावाट और अधिकतम डिमांड 14400 मेगावाट के करीब रहने का अनुमान है। उपलब्ध बिजली से ज्यादा डिमांड होने के कारण पहले से तय समय के अनुसार ही बिजली की घोषित कटौती लागू रहेगी। केवल आवश्यक सेवाओं में बिजली कटौती नहीं की जाएगी।
घोषित बिजली कटौती का समय
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