विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने पुलवामा हमले के शहीद रोहिताश लांबा की वीरांगना के देवर के नाते जाने का दावा किया। सांसद किरोड़ी लाल मीणा के एक्ट को आतंकी बता दिया। धारीवाल के वीरांगना और सांसद पर किए गए कमेंट पर बीजेपी विधायकों ने नाराजगी जताई और हंगामा कर दिया।
धारीवाल ने सोमवार को सदन में कहा- रोहिताश लांबा की पत्नी का देवर तो पहले से शादीशुदा था। उसके दो बच्चे हैं। फिर वो उसके नाते चली गई। अब नाते जाकर कहती है कि मेरे देवर को नौकरी दो। भाई वाह, अजीब तमाशा है। देवर को नौकरी दो। कहीं ऐसा हुआ है। नियमों के खिलाफ किसी को नौकरी मिल गई हो।
कोई तमाशा है क्या, बिना नियमों के कैसे मिलेगी इन्हें नौकरी
धारीवाल ने कहा कि जिसे चाहोगे उसे नौकरी देने की गैर जिम्मेदाराना बात हम कभी नहीं कर सकते हैं। नियम के तहत जिसे नौकरी मिलनी होगी, उसे मिलेगी। जो शहीद हुए, उसके दोनों बच्चे मौजूद है। कहते हैं कि देवर को नौकरी दे दो। ऐसा कभी हुआ है। क्या कभी, देवर को नौकरी दी है क्या? दी हो तो बता दीजिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीतिक रोटियां सेंकने से काम नहीं चलेगा। सारी वीरांगनाएं यहां पर आकर इकठ्ठा हो गईं। एक मत से कहा- तीनों की मांगे गलत हैं। इन्हें बीजेपी के नेताओं ने सीखा रखा है। सीखाकर यहां भेजा है। उन्हीं की शह पर यह हो रहा है। इस तरह की हरकतें बंद करें। इस तरह करने से राज नहीं आएगा। जनता की सेवा करने से आएगा।
किरोड़ीलाल का कृत्य आतंकी से कम नहीं होता
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राजनीति में रुचि लेने वाला हर व्यक्ति जानता है कि किरोड़ीलाल जिस प्रकार का कृत्य करते हैं। वह किसी आतंकी से कम नहीं होता। किरोड़ीलाल जैसा सांसद नियम जानते हुए भी नियम के खिलाफ जाकर आंदोलन करे। शांति भंग करने की कोशिश करें। कैसे बर्दाश्त करेंगे। कानून की पालना करने वाली सरकार यह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती।
राठौड़ बोले- वीरांगना का चरित्र-हनन बर्दाश्त नहीं, मंत्री में शर्म है कि नहीं ?
धारीवाल के कमेंट पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि एक वीरांगना के लिए यह बात कह देना कि नाते चली गई। बहुत गलत है। आप मेरा इस्तीफा रख लीजिए। मंत्री जी, क्या आप में थोड़ी बहुत शर्म नहीं है? एक वीरांगना का चरित्र हनन करेंगे। उस पर कीचड़ उछालेंगे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपके पास क्या सबूत है कि नाते चली गई? हम वीरांगना का चरित्र हनन बर्दाश्त नहीं करेंगे। आप एक सांसद को आतंकी कह रहे हैं।
बीजेपी विधायकों का जमकर हंगामा
धारीवाल के कमेंट पर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। मंत्री के इस जवाब के बाद जनजाति क्षेत्रीय विकास और महिला बाल विकास की अनुदान मांगों पर बहस शुरू करवा दी। बीजेपी विधायकों ने वैल में आकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही करीब छह विधायक अनुदान की मांगों पर बोलते रहे।
मदन दिलावर बोले- वीरांगनाओं से मारपीट करने वाले देशद्रोही
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा कि वीरांगनाओं को अस्पताल ले जाने की बात कहकर धरने से उठाया। फिर गांवों में ले गए। वीरांगना मंजू जाट से इतनी मारपीट की गई कि वह बोल नहीं पा रही थी। आप वीरांगनाओं से मारपीट करवाते हो। वादाखिलाफी करते हो। वीरांगनाओं से अत्याचार करोगे। कौन कल देश की रक्षा करने सेना में जाएगा? वीरांगनाओं से मारपीट करने वाले और वादाखिलाफी करने वाले देशद्रोही हैं। इन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
बीजेपी विधायकों ने कहा- वीरांगनाओं से मंत्रियों ने वादे क्यों किए थे?
बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा, कालीचरण सराफ ने कहा कि पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं से सरकार के मंत्रियों ने वादे किए थे। वे वादे ही तो याद दिला रही थी। मंत्री शहीदों के अंतिम संस्कार के वक्त जो परिजन कहें उन्हें नौकरी देने का वादा करके आए थे।
धारीवाल बोले- किरोड़ीलाल हर बार सहमत हुए, लेकिन फिर पलट गए
धारीवाल ने कहा- किरोड़ीलाल पहली बार धरने पर बैठे तो उस वक्त गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव से वार्ता हुई। उसमें वे मान गए और 15 दिन दे दिए। उस बात से फिर पलट गए, जैसी इनकी आदत है। बाद में इन्होंने कहा कि सीएमओ के अफसर से मिलवाइए। सीएम सचिव आरती डोगरा से वार्ता करवाई गई। वे इससे संतुष्ट थे। धरना खत्म करने पर सहमत हो गए, लेकिन वे फिर पलट गए। बाद में वीरांगनाओं के साथ सचिन पायलट के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए।
किरोड़ी और समर्थकों पर सोडाला, सामोद और अशोक नगर थानों में तीन मुकदमे
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि 6 मार्च को वीरांगनाएं सचिन पायलट से मिली। पायलट ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिर वे उनके आवास के बाहर धरने पर बैठ गईं। किरोड़ी शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे रहे। 9 मार्च को किरोड़ी ने बिना अनुमति कूच किया। प्रदर्शन किया, इस पर उनके और समर्थकों के खिलाफ सोडाला थाने में मुकदमा दर्ज किया।
किरोड़ी ने पुलिस से बदसलूकी और मारपीट की
धारीवाल ने कहा कि किरोड़ी के वीरांगना मंजू के गांव जाने से वहां शांति को खतरा था। उन्हें सामोद में रोका गया। वहां उनके समर्थकों ने पुलिस से बदसलूकी की। किरोड़ी और समर्थकों को वरिष्ठ पुलिस अफसरों ने समझाया, लेकिन उन्होंने गाली गलौज की।
इस पर पुलिस ने किरोड़ी और समर्थकों को धारा 129 के तहत वहां से हटाया। रास्ते में बीपी (ब्लड प्रेशर) की शिकायत होने पर उन्हें गोविंदगढ़ अस्पताल ले जाया गया था। सामोद थाने में मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद बीजेपी के प्रदर्शन में जयपुर में पुलिस की तीन गाड़ियां तोड़ी गईं। इस पर अशोक नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया है।
सांसद को आतंकी बताना क्या उचित है?
ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शहीद के परिवार से बाहर नौकरी नहीं देना एक उचित कदम है। लेकिन क्या पुलिस की ओर से की गई बदसलूकी को छुपाने के लिए शांति धारीवाल की ओर से किरोड़ी लाल को आतंकी समान उपाधि देना क्या उचित है ?
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शहीद की पत्नी ने पुलिस पर लगाए मारपीट के आरोप
वीरांगना मंजू जाट ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए लगाए हैं। इसके बाद रविवार देर शाम एसएचओ चित्रकूट गुंजन सोनी वीरांगना से मिलने पहुंचीं। मेडिकल कराने की बात कही, लेकिन मंजू ने मेडिकल कराने से मना कर दिया। मंजू जाट का कहना है कि उसके शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान हैं। पुलिस ने नजर बंद किया हुआ है। घर के चारों तरफ पुलिस का पहरा लगा है। फिलहाल जिस घर में मंजू जाट रह रही हैं, वो मंजू की ननद का बताया जा रहा है। (पूरी खबर पढ़ें)
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