राजस्थान में मौजूदा हालातों में बिजली की रेट में बढ़ोतरी नहीं होगी। इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन ने आम जनता को राहत देते हुए डिस्कॉम के बिजली के फिक्स चार्ज बढ़ाने के प्रपोजल को खारिज कर दिया है। आयोग ने कोरोना महामारी संक्रमण काल के प्रभाव, फिक्स चार्ज से होने वाली प्रैक्टिकल कठिनाई और रेवेन्यू गैप का हवाला दिया है।
दूसरी ओर 125 केवीए से ज्यादा लोड कनेक्शन वाली बड़ी इंडस्ट्रीज की बिजली पर 5 फीसदी सरचार्ज लगा दिया गया है। ये सरचार्ज सुबह 6 से 10 बजे तक इंडस्ट्रीज चलाने पर वसूला जाएगा।जबकि रात 12 से सुबह 6 बजे तक इंडस्ट्री चलाने पर बिजली चार्ज में 15 फीसदी की छूट लागू है।बड़ी इंडस्ट्रीज ज्यादातर रात में चलें,इसलिए यह कदम उठाया गया है।कमीशन ने टैरिफ ऑर्डर जारी कर ये आदेश दिए हैं।
धर्मशालाओं पर घरेलू रेट ,सिलिकोसिस मरीजों को बीपीएल रेट लगेगी
इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ने घरेलू-अघरेलू कन्ज्यूमर के साथ ही पब्लिक स्ट्रीट लाइट, कृषि, सभी तरह की छोटी इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन समेत सभी कैटेगरी में दर नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। सार्वजनिक पूजा वाली जगहों पर धर्मशालाओं में भी कॉमर्शियल की बजाय घरेलू बिजली रेट ही लगेगी। सिलिकोसिस मरीजों को बीपीएल कैटेगरी में मानते हुए उसी रेट पर बिजली दी जाएगी। कमीशन ने राजस्थान न्यूमोकोनियोसिस नीति 2019 के आधार पर सिलिकोसिस मरीज को आस्था कार्ड के लिए पात्र माना है। आस्था कार्ड वाले बीपीएल कैटेगरी में ही आते हैं।
डिस्कॉम्स ने बताया 13163 करोड़ का घाटा, कमीशन ने 750 करोड़ सरप्लस बताए
कमीशन ने मौजूदा प्रोविजन और नियमों से असेसमेंट करते हुए डिस्कॉम्स की अक्षमता के कारण हुए घाटे को नहीं माना। अथॉरिटी ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए भी डिस्कॉम्स की प्रॉपर्टी से ही कमाई करने का मॉडल अपनाने की सलाह दी। जयपुर,जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम ने फायनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए 7927 करोड़ रुपए और फायनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए 5236 करोड़ रुपए के एआरआर को मिलाकर 13163 करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया। लेकिन कमीशन ने इसे डिस्कॉम्स की अक्षमता को बड़ा कारण मानते हुए इस घाटे का भार जनता पर डालने से इनकार कर दिया।
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