राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस का हर तीसरा MLA मंत्रियों के व्यवहार और ब्यूरोक्रेसी से नाराज है। इसी सप्ताह की शुरुआत में सियासी संकट के दौरान सबसे भरोसेमंद साथी रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने वादे पूरे नहीं करने पर अलग राह अपनाने की धमकी देकर सबको चौंका दिया। बसपा मूल के ज्यादातर विधायक मनचाहा पद नहीं मिलने के चलते लंबे समय से नाराज हैं। अब चुनावी साल देखकर सियासी लाभ से वंचित विधायक भी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
चुनावी साल से पहले विधायकों-मंत्रियों की खुले मंच पर नाराजगी की वजह क्या है? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने एक-एक कर 10 से ज्यादा नाराज मंत्री-विधायकों से बातचीत की। इनमें पायलट गुट के माने जाने वाले विधायकों से भी बात की। साथ ही, गहलोत सरकार के 2 सलाहकारों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से भी बढ़ती नाराजगी के कारण पूछे।
इसमें सामने आया कि विधायकों में सबसे ज्यादा नाराजगी मंत्रियों को लेकर है। 50% से ज्यादा विधायक ब्यूरोक्रेसी के रवैये से नाराज हैं। नाराजगी जताने वालों में सबसे आगे बसपा मूल से आए सभी 6 विधायक हैं। दूसरे नंबर पर पायलट गुट के विधायक हैं।
इस बार संडे स्टोरी में पढ़िए विधायकों की नाराजगी और इससे सियासी नुकसान पर सबसे बड़ी पड़ताल.....
डैमेज कंट्रोल किया तो बदलने लगे विधायकों के सुर
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