राहुल गांधी के साथ लिया संकल्प भूले कांग्रेसी:प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बेटा-बेटी, बाप-बेटा बने सदस्य, नए नेता सिर्फ 20%

जयपुर8 महीने पहले
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कांग्रेस पर लगातार परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं। सत्ता से लेकर संगठन तक यह आरोप कांग्रेस का पीछा करता रहा है। यही वजह है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का पद नहीं लेना चाह रहे हैं। 4 महीने पहले उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में भी कांग्रेस से परिवारवाद को खत्म करने की बातें हुई। मगर इसके बावजूद हाल ही राजस्थान कांग्रेस कमेटी में बनाए गए सदरस्यों में परिवारवाद पूरी तरह हावी है। पीसीसी के पदाधिकारियों में पहले से ही मंत्री-विधायक प्रमुख पदों पर काबिज हैं। अब पीसीसी सदस्यों में भी परिवारवाद पूरी तरह हावी दिख रहा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी में राजस्थान से जिन सदस्यों का चुनाव किया गया है, उनमें से ज्यादातर या तो विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री हैं या संगठन के किसी बड़े पद पर आसीन हैं। बहुत से सदस्य इन विधायक मंत्रियों में से ही किसी न किसी परिवार के बेटे-बेटी या माता-पिता हैं। कांग्रेस ने चुने हुए सदस्यों की सूची तक घोषित नहीं की। भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि जिन्हें चुना गया है, उनमें से 15 से 20 प्रतिशत ही नए और युवा नेता हैं।

कांग्रेस ने 200 विधानसभा क्षेत्रों के 400 ब्लॉक में से एक-एक नेता को पीसीसी का सदस्य चुना है। राजस्थान में परिवारवाद की स्थिति यह है कि कहीं एक ही विधायक के दोनों बेटे-बेटी विधानसभा के दोनों ब्लॉक से चुन लिए गए हैं। कहीं मां-बेटी सदस्य बन गए। वहीं कहीं पिता-पुत्र दोनों को सदस्य बना दिय गया है।

पीसीसी में प्रमुख पद जिन्हें दिए गए हैं वो ज्यादातार विधायक या पूर्व मंत्री हैं

- पीसीसी के 7 उपाध्यक्षों में से 3 वर्तमान मंत्री हैं। इनमें महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट और गोविंद राम मेघवाल शामिल है। वहीं इनमें हरिमोहन शर्मा, राजेंद्र चौधरी और नसीम अख्तर सहित 3 पूर्व मंत्री हैं। वहीं एक विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह हैं।

- इसी तरह 8 महासचिव में से 7 विधायक हैं। इनमें जीआर खटाणा, हाकम अली, लाखन मीणा, प्रशांत बैरवा, राकेश पारीक, रीटा चौधरी, वेदप्रकाश सोलंकी शामिल हैं। वहीं एक पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया हैं।

पीसीसी सदस्यों में इस तरह नजर आता है परिवारवाद

  • बांसवाड़ा में देवेंद्र त्रिवेदी को पीसीसी सदस्य बनाया गया है जो पूर्व एआईसीसी सदस्य शंकरलाल त्रिवेदी के बेटे हैं। वहीं मौजूदा प्रधान कांता भील जनता दल सांसद रहे हीराभाई की बेटी भी सदस्य बनी हैं।
  • श्रीकरणपुर से विधायक गुरमीतसिंह कुन्नर और उनके बेटे रूबी कुन्नर दोनों सदस्य बने हैं।
  • श्रीगंगानगर से विकास गौड़ निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ के बेटे हैं।
  • जयपुर के शाहपुरा से सविता बेनीवाल पीसीसी सदस्य बनी हैं, जो विधायक आलोक बेनीवाल की पत्नी और पूर्व मंत्री कमला बेनीवाल की बहू हैं।
  • विधायक गायत्री त्रिवेदी के बेटे रणदीप त्रिवेदी को रायपुर से पीसीसी सदस्या बनाया है।
  • भीलवाड़ा से याकूब मोहम्मद पीसीसी सदस्य बने हैं जो अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हफीज मोहम्मद के बेटे हैं।
  • आसींद से मनीष मेवड़ा जो पूर्व विधायक हगामीलाल मेवाड़ा के बेटे हैं।
  • जहाजपुर में बीज निगम के चेयरमैन धीरज गुर्जर और उनके छोटे भाई नीरज गुर्जर दोनों सदस्य बने हैं।
  • अजमेर के नसीराबाद में पूर्व विधायक महेंद्र गुर्जर और पूर्व विधायक राम नारायण गुर्जर को सदस्य बनाया। दोनों पूर्व उपराज्यपाल गोविंदसिंह गुर्जर के रिश्तेदार हैं।
  • विधायक भरोसी लाल जाटव के दोनों बेटों नगर परिषद सभापति बृजेश जाटव और प्रधान विनोद जाटव को हिंडौन से।
  • श्रीमाधुपर से विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत को और उनके बेटे बालेंदुसिंह शेखावत को अजीतगढ़ से ।
  • उदयपुर ग्रामीण से पूर्व विधायक सज्जन कटारा और पूर्व मंत्री हेमराज कटारा के बेटे विवेक कटारा।
  • मावली से पूर्व विधायक शिव सिंह चौहान के बेटे गोवर्धन सिंह चौहान पीसीसी सदस्य।
  • वल्लभनगर से पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को पीसीसी सदस्य बनाया।
  • महवा में निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला की पत्नी प्रेम प्रकाश हुड़ला।
  • बीकानेर में गोविंद राम मेघवाल की बेटी सरिता चौहान।
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