जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय इसरो एग्जीबिशन का आयोजन बुधवार को किया गया। इसका उद्घाटन अंतरिक्ष आयोग के सदस्य पद्मश्री डॉ. ए एस किरण कुमार ने किया। स्टूडेंट्स अंतरिक्ष दुनिया को करीब से देखे और भविष्य में इसरो के साथ जुड़कर बतौर साइंटिस्ट कॅरियर बनाए, इसी उद्देश्य से करीब 4 साल बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के सहयोग से साइंस एग्जीबिशन आयोजित की है। इस दौरान भारत में अब तक सफलतापूर्वक छोड़े गए 104 सैटेलाइट की कहानी को इसरो ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया।
डॉ. कुमार बच्चों से रूबरू हुए और उन्होंने इसरो से जुड़ी कहानियां बच्चों से साझा की। उन्होंने विक्रम साराभाई को इसरो की आज की आधुनिकता का श्रेय दिया। डॉ.कुमार ने बताया की पीएसएलवी की मदद से इसरो ने 34 देशों की 400 से भी अधिक सैटेलाइटस को लॉन्च किया है। इसरो ने पीएसएलवी की मदद से 104 सेटेलाइट, एक लॉन्च में अंतरिक्ष में छोड़े। उन्होंने बच्चो को प्रोत्साहित करते हुए कहा की साधनों की कमी के बावजूद इसरो ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से कई इतिहास रचे।
उन्होंने इसरो के कई प्रोजेक्ट्स जैसे की चंद्रयान, मंगलयान, इंडियन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के पीछे की कहानी बता बच्चों में इसरो और विज्ञान से जुड़ने की ललक बढ़ाई।
उद्घाटन में जेईसीआरसी के वाइस चेयरपर्सन अमित अग्रवाल ने साइंस को एक एक्स्ट्राऑडिनरी फील्ड बताया और कहा की ऐसी एग्जीबिशन बच्चों को इस फील्ड में कॅरियर बनाने को प्रेरित करते है । जेईसीआरसी के प्रो. प्रेसिडेंट प्रो.राम रतन ने बताया की हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को ऐसे एग्जीबिशन पर ध्यान देना चाहिए, जिससे की बच्चों में साइंटिफिक टेंप्रामेंट बने।
उद्घाटन समारोह में अर्पित अग्रवाल (वाइस चेयरपर्सन,जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी), प्रो.विक्टर गंभीर (प्रेसिडेंट,जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी) धीमांत अग्रवाल (हेड डिजिटल स्ट्रेटजीस,जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी) मौजूद रहे। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण हाल ही में लॉन्च किए गए इसरो के रॉकेट और उपग्रहों के वृत्तचित्र और प्रदर्शनियां, लाइव वाटर रॉकेट लॉन्च, कार्यशालाएं, राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं रही। इस मौके पर इसरो के कई साइंटिस्ट भी कॉलेज में मौजूद रहे और बच्चों को स्पेस मिशन, इसरो और कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स से रूबरू करवाया।
प्रदर्शनी में इसरो की वैन भी आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें इसरो के अलग-अलग स्पेस मिशन के डिस्प्ले मॉडल्स लगाए गए। इनमें नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन, इंडियन रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन, इंडियन सैटेलाइट कम्युनिकेशन एप्लीकेशन, चंद्रयान, मंगलयान सहित कई मिशन के मॉडल्स मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में डाइवर्सिफाइड ट्रेंडिंग कैरियर फील्ड्स पर एक्सक्लूसिव वर्कशॉप का भी आयोजन हुआ।
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