कोरोना के डेल्टा वायरस से भी 10 गुना ज्यादा घातक ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। राजस्थान में भी इस नए वायरस का मंडरा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से जयपुर लौटे एक परिवार के 4 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनके संपर्क में आए 5 बच्चे भी पॉजिटिव मिले हैं। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही ओमिक्रॉन की पुष्टि होगी। इधर, राजनीतिक पार्टियां तीसरी लहर को न्योता देने के लिए लाखों की भीड़ जुटाने की तैयारी कर रही हैं।
कांग्रेस और भाजपा में तो होड़ मची है। अपने नेताओं को भीड़ बुलाने के लिए टारगेट भी दिए गए हैं। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की प्रस्तावित रैली की तैयारियों का जायजा लेकर आए हैं। भाजपा या कांग्रेस, इस बात पर जरा भी विचार नहीं कर रही हैं कि उनकी ये रैलियां किस रफ्तार से कोरोना बढ़ा सकती हैं।
दिल्ली में महंगाई के खिलाफ रैली की अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस ने 12 दिसंबर को इसे जयपुर में करने का फैसला किया है। इस रैली में राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के पहुंचने की संभावना है। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित बड़े नेता शामिल होंगे।
इससे पहले भाजपा 5 दिसंबर को अपना जनप्रतिनिधि सम्मेलन करने जा रही है। इसमें हजारों की भीड़ जुटेगी। इस सम्मेलन में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह जयपुर आएंगे। इससे पहले 4 दिसंबर को वे जैसलमेर में बीएसएफ के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे।
राजस्थान पहले से अलर्ट पर, स्कूलों में फैल चुका कोरोना
राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 257 फीसदी केस बढ़े हैं। नवंबर में 30 दिन में पूरे प्रदेश में 365 मरीज मिले हैं, जबकि अक्टूबर में यह संख्या केवल 102 थी। सितंबर में 232 मरीज मिले थे। यहां तक कि बीते दिनों 12 बच्चे एक साथ कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और एक ढाई साल के मासूम की इससे मौत भी हो चुकी है।
राजनीतिक पार्टियों से भास्कर के सवाल
- क्या आप नहीं जानते कि कोरोना का ये वैरिएंट कितना घातक है?
- आप जो करने जा रहे हैं, क्या इससे कोरोना नहीं फैलेगा?
- क्या इतनी बड़ी रैलियों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन मुमकिन है?
- क्या आपको राजस्थान की जनता की जिंदगी से कोई सरोकार नहीं?
- तीसरी लहर की चेतावनी के बावजूद ऐसे कार्यक्रम क्या आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं?
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