नागौर जिले की नावां सिटी में नमक कारोबारी और हिस्ट्रीशीटर जयपाल पूनिया की शनिवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के मामले में BJP और RLP दोनों पार्टियों ने प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरा है। राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक और कांग्रेस विधायक महेन्द्र चौधरी का FIR में नाम आया है। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा अब नावां शहर में खुलेआम फायरिंग हो गई। अपराधी जीत रहे हैं, पुलिस हार रही है। कारण यह है कि गहलोतजी ने पुलिस और इंटेलीजेंस को पक्ष-विपक्ष की जासूसी में लगा रखा है।
एक तरफ अपराधी सार्वजनिक तौर पर अपने मामले निपटा रहे हैं, दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की प्राइवेसी खतरे में हैं। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा हम विपक्षियों की छोड़िए उनके ही एक कट्टर प्रतिद्वंदी नेता को भी यही शिकायत है। लेकिन पता नहीं चिंतन शिविर में कांग्रेस आलाकमान तक ये मुद्दा पहुंचा या नहीं। जनता चाहती है सोनिया गांधी राज्य की खत्म हो चुकी कानून-व्यवस्था विशेषकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल करें।
हत्याकांड की जांच तुरंत CBI को दे देनी चाहिए
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक , मुख्यमंत्री के नजदीकी नावां विधायक और उनके परिजनों का नाम जयपाल पूनिया के जघन्य हत्याकांड में सामने आ रहा है। जिसका जिक्र दर्ज FIR में भी हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान सरकार को जयपाल पूनिया हत्याकांड मामले की जांच तुरंत CBI को दे देनी चाहिए। क्योंकि सत्ता पक्ष के विधायक और सीएम के करीबी व्यक्ति का नाम मुकदमे में आया है। ऐसे में राज्य सरकार की कोई भी एजेंसी मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है।
क्या है पूरा मामला ?
नागौर के नावां में गर्ल्स स्कूल चौराहे के पास तहसील रोड पर शनिवार दोपहर सफेद रंग बोलेरो में आए 5-6 बदमाशों ने नमक कारोबारी जयपाल पूनिया पर फायरिंग कर दी। एक गोली जयपाल के पेट में, दूसरी सीने में लगी। स्थानीय अस्पताल ने उसकी गम्भीर हालत देखते हुए प्राथमिक ईलाज के बाद जयपुर रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही जयपाल ने दम तोड़ दिया। शनिवार रात जयपाल की पत्नी सरिता पूनिया ने मामला दर्ज करवाया है। जिसमें उप मुख्य सचेतक और नावां विधायक महेन्द्र चौधरी, उनके भाई मोती सिंह, साले मनोज चौधरी और गुढ़ा साल्ट सरपंच विरेंद्र सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी है। रैकी करने, षड़यंत्र रचने और हत्या की धाराओं में एफआईआर दी गई है।
जयपाल पूनिया नावां थाने का हिस्ट्रीशीटर बताया जाता है। नावां के नमक उद्योग में बोरवेल खुदवाने से लेकर नमक बनाने के काम को लेकर उसका कई लोगों से विवाद चला आ रहा था। 3 दिन पहले ही गुढ़ा साल्ट के सरपंच ने भी जयपाल पूनिया के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पूनिया ने भी गुढ़ा साल्ट सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। ऐसे कई केस नावां थाने में दर्ज हैं। जयपाल के खिलाफ एक दर्जन मामले बताए जाते हैं।
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