राजस्थान से जुड़े इन नेताओं को मिली कर्नाटक की जिम्मेदारी:1 करोड़ राजस्थानियों को साधेंगे; 3 महीने बाद होने हैं चुनाव

जयपुर4 महीने पहलेलेखक: उपेंद्र शर्मा
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रणदीप सिंह सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं, मोहन प्रकाश का ताल्लुक धौलपुर और नीरज डांगी का सिरोही से है। - Dainik Bhaskar
रणदीप सिंह सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं, मोहन प्रकाश का ताल्लुक धौलपुर और नीरज डांगी का सिरोही से है।

कर्नाटक में 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस आलाकमान ने चुनाव प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को बनाया है। इसके अलावा मोहन प्रकाश को स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन और नीरज डांगी को सदस्य बनाया गया है। रणदीप सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं, मोहन प्रकाश और नीरज डांगी मूलत: राजस्थान से हैं। ऐसे में पार्टी का टारगेट चुनाव में जीत के लिए कर्नाटक रह रहे 1 करोड़ से ज्यादा राजस्थानियों को साधना है।

राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने बताया कि सदस्य 10 फरवरी के बाद कर्नाटक के लिए रवाना हो सकते हैं। बता दें कि यह दूसरा मौका है जब किसी भाजपा शासित राज्य में कांग्रेस ने राजस्थान से जुड़े नेताओं को वहां चुनाव से पहले जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले गुजरात में सीनियर ऑब्जर्वर सीएम अशोक गहलोत को और प्रभारी डॉ. रघु शर्मा को बनाया था। अब कर्नाटक में प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को बनाने के बाद स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन मोहन प्रकाश को बनाया गया है।

कांग्रेस हर चुनाव से पहले एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाती है। यह कमेटी टिकट चयन का मुख्य काम करती है। टिकट के लिए आने वाले दावेदारों के प्रस्तावों की स्कीनिंग (चयन) कर उनमें से हर सीट पर एक से अधिक नामों को शॉर्टलिस्ट (अंतिम रूप से चयन कर) कर सीईसी (कांग्रेस इलेक्शन कमेटी-दिल्ली) को भेजती है।

स्क्रीनिंग कमेटी में कौन-कौन

कर्नाटक चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी मंगलवार को गठित की गई। कमेटी का चेयरमैन मोहन प्रकाश को बनाया गया है। मोहन प्रकाश राजाखेड़ा (धौलपुर) से विधायक रहे हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। उनके अलावा कमेटी में 3 सदस्य हैं। इनमें नीरज डांगी, मोहम्मद जावेद और सप्तगिरी उलाका शामिल हैं। नीरज डांगी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। वे मूलत: रेवदर (सिरोही) के रहने वाले हैं।

इनके अलावा कमेटी में 6 नेताओं को एक्स-ओफिसियो मेम्बर बनाया गया है। इनमें डी. के. शिवकुमार, सिद्धारमैया, रणदीप सिंह सुरजेवाला, बी. के. हरिप्रसाद, एम. बी. पाटील और जी. परमेश्वरा शामिल हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला पार्टी के कर्नाटक में प्रभारी (जनरल इंचार्ज हैं)। सुरजेवाला राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद हैं। सुरजेवाला और मोहन प्रकाश दोनों कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।

राजस्थान से राज्य सभा सांसद नीरज डांगी ने भास्कर को बताया कि कमेटी के सदस्य के रूप में वे 10 फरवरी के बाद कर्नाटक जाएंगे। कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा चुनाव जीतने की जबरदस्त संभावनाएं हैं। कमेटी का काम टिकट चाहने वाले बेस्ट कैंडिडेट का चयन करके सीईसी (कांग्रेस इलेक्शन कमेटी-दिल्ली) को सौंपना है।

यह काम बहुत जिम्मेदारी के साथ करने की कोशिश हमारी रहेगी। कर्नाटक में चूंकि राजस्थान मूल के लाखों लोग निवास करते हैं, ऐसे में आलाकमान ने बहुत सोच समझ कर हम लोगों को मौका दिया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल (बायें) और सीएम गहलोत के साथ राज्यसभा सांसद नीरज डांगी (बीच में)। डांगी को कर्नाटक चुनावों में स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है। वेणुगोपाल कर्नाटक में सक्रिय रहे हैं। डांगी और वेणुगोपाल दोनों राजस्थान से ही हैं राज्यसभा सांसद।
कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल (बायें) और सीएम गहलोत के साथ राज्यसभा सांसद नीरज डांगी (बीच में)। डांगी को कर्नाटक चुनावों में स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है। वेणुगोपाल कर्नाटक में सक्रिय रहे हैं। डांगी और वेणुगोपाल दोनों राजस्थान से ही हैं राज्यसभा सांसद।

प्रकाश और रणदीप पर रहेगी टिकट वितरण की जिम्मेदारी

मोहन प्रकाश और रणदीप सिंह सुरजेवाला पर ही कर्नाटक में टिकट वितरण की सबसे खास जिम्मेदारी रहेगी। स्क्रीनिंग कमेटी ही टिकटों के दावेदारों के बीच में से किसी एक उम्मीदवार का चयन करती है। प्रकाश और सुरजेवाला पर सही उम्मीदवारों का चयन करने की सबसे खास जिम्मेदारी रहेगी।

अगर उनका चयन सही नहीं हुआ तो फिर कांग्रेस की जीत की संभावनाओं पर नकारात्मक असर पड़ना तय है। डांगी इस काम में दोनों को सहायता करेंगे।

कर्नाटक में रहते हैं राजस्थान मूल के लगभग एक करोड़ लोग

कर्नाटक से राजस्थान का गहरा रिश्ता है। पिछले 100 सालों से राजस्थान से उद्योग-व्यापार के लिए लोग निरंतर कर्नाटक जाते रहे हैं। शेखावाटी और मारवाड़ के व्यापारिक समुदायों के लोग वहां बसते रहे हैं। राजस्थान के बहुत से परिवार वहां 4, 5 या 6 पीढ़ी तक से रह रहे हैं।

हाल के दो दशक में शिक्षा, कॉर्पोरेट, टेक्नोलॉजी का बेंगलुरु हब बन गया है। ऐसे में नई पीढ़ी से भी वहां शिक्षा और रोजगार के चलते हजारों राजस्थानी युवा प्रतिवर्ष कर्नाटक में बसते हैं। राज्यसभा सांसद डांगी के अनुसार बहुत सी विधानसभा सीटों पर राजस्थानी मतदाता बेहद प्रभावशाली भूमिका में हैं। ऐसे में उन्हें कांग्रेस को की तरफ आकर्षित करने के लिए विशेष रूप से फोकस किया जाएगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे और संगठन महासचिव का गृह प्रदेश भी है कर्नाटक

कर्नाटक के मूलत: रहने वाले हैं मल्लिकार्जुन खड़गे। खड़गे पिछले चार महीनों से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और वे राज्य सभा में लीडर ऑफ अपोजिशन (नेता प्रतिपक्ष) भी हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए कर्नाटक के चुनाव जीतना बेहद जरूरी है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते खड़गे पर दोहरी जिम्मेदारी है। उन्हें देश के अन्य राज्यों में तो कांग्रेस को मजबूत करना ही है, लेकिन अपने गृह प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन सुधार पाए तो उसका संदेश फिर पूरे देश में जाएगा। दूसरी ओर राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल केरल से हैं लेकिन कर्नाटक में सक्रिय रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने हाल ही कर्नाटक में सभा कर प्रत्येक गृहणी को सरकार बनने पर 2000 रुपए मासिक सहायता देने का वादा किया है।
प्रियंका गांधी ने हाल ही कर्नाटक में सभा कर प्रत्येक गृहणी को सरकार बनने पर 2000 रुपए मासिक सहायता देने का वादा किया है।

कर्नाटक में प्रियंका गांधी हैं सक्रिय भूमिका में

कर्नाटक चुनाव अभी करीब तीन महीने दूर हैं, लेकिन वहां प्रियंका गांधी अभी से सक्रिय भूमिका में हैं। वे वहां ठीक उसी तरह से रैली व सभाएं कर रही हैं, जैसे उन्होंने पिछले वर्ष यूपी के चुनावों में की थीं। वैसी आक्रामक और सक्रिय भूमिका में वे गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में नजर नहीं आई थीं।

हाल ही प्रियकां गांधी ने कर्नाटक में जनता से वादा किया है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वहां प्रत्येक गृहणि को 2000 रुपए मासिक की सहायता राशि सरकार की तरफ से प्रदान की जाएगी। प्रियंका की इस घोषणा के वक्त रणदीप सिंह सुरजेवाला भी साथ ही मौजूद थे। इस घोषणा को राहुल गांधी ने कश्मीर में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ट्विटर पर चस्पा भी किया था।

कर्नाटक में संभावनाएं देख रही है कांग्रेस

कर्नाटक देश के तीन सबसे समृद्ध राज्यों में गिना जाता है। औद्योगिक व आर्थिक रूप से बहुत विकसित प्रदेश है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के बीच वहां सदा कड़ा मुकाबला रहता आया है। एक स्थानीय पार्टी जेडीएस (जनता दल सेकुलर) भी वहां बड़ी ताकत है।

कर्नाटक राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की ही तरह एक ऐसा राज्य है, जहां पिछले 20 वर्षों में 10 साल कांग्रेस सत्ता में रही है। ऐसे में पार्टी को अन्य राज्यों के मुकाबले यहां संभावनाएं ज्यादा दिखना स्वाभाविक है।

कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहे हैं।
कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहे हैं।

राजस्थान के नेताओं का दूसरे राज्यों में नहीं रहा अच्छा प्रदर्शन

यह अलग बात है कि राजस्थान कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं को जब भी अन्य राज्यों में पार्टी ने प्रभारी या स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन जैसी जिम्मेदारियां दी हैं, तो उनका प्रदर्शन कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है।

हाल ही रघु शर्मा का गुजरात, हरीश चौधरी का पंजाब, भंवर जितेंद्र सिंह का असम आदि में चुनाव जितवाने जैसा प्रदर्शन सामने नहीं आया है। स्वयं मोहन प्रकाश हाल ही 2022 में उत्तराखंड के प्रभारी रहे हैं, वहां कांग्रेस को लगातार दूसरी बार हार मिली। ऐसे में यह देखना बहुत रोचक रहेगा कि कर्नाटक में परिणाम पार्टी के पक्ष में आते हैं या नहीं।

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