राजस्थान में इंडस्ट्रीज और बिजली कंज्यूमर्स को बिजली कटौती में बड़ी राहत मिली है। विंड एनर्जी से मिली एक्सट्रा बिजली और एक्सचेंज से बिजली खरीदकर सप्लाई बढ़ाई गई है। प्रदेश में 2 और 3 मई को सुबह बिजली कटौती नहीं की गई है। प्रदेश में इंडस्ट्रीज को 8 घंटे की बजाय 14 घंटे बिजली देने का फैसला लिया गया है। आज रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली सप्लाई दी जा रही है। शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक इंडस्ट्री की बिजली सप्लाई बंद रहेगी। आज ईद, आखातीज और भगवान परशुराम जयंती के मौके पर बाजारों, शादी-ब्याह स्थलों के साथ ही घरों में बिजली कंजम्पशन बढ़ने के पूरे आसार हैं। इसलिए प्रदेश की लगभग पौने 2 लाख इंडस्ट्रीयल यूनिट्स में शाम को पावर कट रहेगा।
हवा से बन रही 2500 से 2600 मेगावाट बिजली
राजस्थान में मौसम में हुए बदलाव के कारण तेज हवाएं और आंधी चलने से बिजली संकट से राहत मिली है। प्रदेश में पिछले तीन दिन से चल रही 30 से 50 किलोमीटर रफ्तार की हवाओं से विंड एनर्जी प्रोडक्शन में अचानक बड़ा उछाल आ गया है। हवा से 2500 से 2600 मेगावाट बिजली एक दिन में पैदा होने लग गई है। जबकि सामान्य मौसम में पहले करीब 350 से 450 मेगावाट ही विंड एनर्जी मिल पा रही थी। राजस्थान में विंड पॉवर क्षेत्र में 4326.82 मेगावाट क्षमता डवलप की जा चुकी है। अकेले जैसलमेर जिले में करीब 3500 मेगावाट कैपेसिटी की पवन चक्कियां लगी हुई हैं। करीब 425 मेगावाट विंड मिल्स जोधपुर जिले में लगी हैं। बाकी चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, सीकर जिलों में हैं। सीएम गहलोत ने राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन लिमिटेड को साल 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट तय वक्त से पहले पूरा करने को कहा है।
1 करोड़ 79 लाख यूनिट बिजली खरीदकर सप्लाई
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के चीफ इंजीनियर मुकेश बंसल ने बताया कि बिजली की किल्लत लगातार बनी हुई है। विंड पावर बढ़ने से कुछ राहत है। लेकिन बड़े स्तर पर बिजली खरीदकर भी कंज्यूमर्स को सप्लाई की जा रही है। 1 मई को 1 करोड़ 79 लाख 21 हजार यूनिट बिजली औसत 9.37 रुपए की रेट पर खरीदी गई है। जिसमें अधिकतम 12 रुपए यूनिट और न्यूनतम 99 पैसे तक रेट पर बिजली मिली। 99 पैसे की बिजली एक ही स्लॉट में कुछ मात्रा में मिल सकी। ज्यादातर बिजली यूनिट्स की रेट अधिक रही है। इसी कारण औसत रेट ज्यादा है। अब केन्द्र ने अधिकतम रेट 12 रुपए फिक्स कर रखे हैं। उससे ज्यादा रेट पर कोई बिजली खरीद-बेचान नहीं हो सकता है।
कोयला किल्लत से अडानी पावर की 1 यूनिट बंद
कोयले की कमी के कारण बारां जिले के कवाई में अडानी के पावर प्लांट में 660 मेगावाट की एक सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट में बिजली प्रोडक्शन ठप हो गया है। अडानी का प्लांट भी राजस्थान को कॉन्ट्रैक्ट पर पावर सप्लाई देता है। लेकिन निजी कंपनियों को पूरा कोयला नहीं मिल पाने से प्रोडक्शन गड़बड़ाने लगा है। केन्द्र सरकार ने कोल इंडिया से राज्यों को अलॉट होने वाले कोयले का 4 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कोयला विदेशों से खरीदने की एडवाइजरी पिछले दिनों जारी की है।
भारत में लोकल माइंस से कोयला 5000 रुपए मीट्रिक टन रेट पर मिलता है। जबकि विदेशी इम्पोर्टेड कोयले की रेट 20 से 21 हजार रुपए मीट्रिक टन तक पड़ रही है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम भी 9.65 लाख मीट्रिक टन कोयला करीब 1500 से 1700 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रोसेस शुरू कर चुका है। निजी पावर कंपनियों को भी विदेशों से महंगा कोयला खरीदना पड़ेगा।
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