उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में तय हुए फॉर्मेूले एक परिवार-एक टिकट ने राजस्थान के मंत्रियों की चिंंता बढ़ा दी है। प्रदेश में कई ऐसे मंत्री और नेता हैं, जिनके परिवार के सदस्य भी किसी न किसी पद पर है। ऐसे में नए फैसले के बाद उन्हें तय करना होगा कि या तो वे चुनाव लड़ेगे खुद रहेंगे या फिर परिवार में से किसी एक को मौका मिलेगा।
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का, चाहे प्रधान का चुनाव या जिला प्रमुख का। राजस्थान के कई मंत्री हैं, जिन्होंने लोकसभा में अपने परिजन के लिए टिकट मांगा। साथ ही, इनके परिजन जिलों में और पंचायत में प्रमुख-प्रधान भी हैं। हालांकि, पार्टी ने ताले के साथ चाबी भी दे दी है और एक शर्त रख दी है कि कम से कम पांच साल या इससे पहले से यदि परिजन राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है, तो वह टिकट की दावेदारी कर सकता है। मंत्रियों में ऐसे कई हैं, जिनके बेटे राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है।
मंत्री, जिन्हें परिवार में से चुनना होगा अब एक दावेदार
यूडीएच मंत्री कर सकते हैं बहू की पैरवी
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की बहू एकता धारीवाल भी कोटा में सक्रिय हैं। शांति धारीवाल ने अपनी उम्र के चलते पिछले विधानसभा चुनाव में खुद के बजाय एकता धारीवाल के लिए टिकट की पैरवी की थी। पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया। सूत्रों ने बताया कि आने वाले चुनावों में धारीवाल भी बहू को राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं।
जलदाय मंत्री और उनके बेटे
वर्तमान में जलदाय मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर रेप के आरोप में गिरफ्तारी का संकट मंडरा रहा है। महेश जोशी 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से जयपुर के हवा महल क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं।
गुजरात प्रभारी रघु शर्मा
चिकित्सा मंत्री का पद छोड़कर गुजरात प्रभारी बने रघु शर्मा के पुत्र सागर शर्मा भी अजमेर के केकड़ी क्षेत्र में सक्रिय हैं। रघु शर्मा लोकसभा का उप चुनाव भी जीत चुके है। सूत्रों ने बताया कि अब आने वाले कोई भी चुनावों वे अपने बेटे के लिए भी टिकट की मांग कर सकते हैं।
श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई
श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई को भी तय करना पड़ेगा कि वे खुद के लिए टिकट मांगे या अपने बेटे भूपेंद्र विश्नोई के लिए। पिता की उम्र के कारण हमेशा विवाद में रहने वाले भूपेंद्र की नजरें चुनाव पर हैं।
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा
कांग्रेस युवाओं को मौका देने की बात कर रही है और ऐसे में बुजुर्ग मंत्रियों पर टिकट का संकट खड़ा हो सकता है। इससे पहले चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने पिछले विधानसभा चुनाव में उनके बजाय बेटे कमल मीणा को टिकट दिलाने का भी जिक्र किया था।
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध के बीच कथित विवाद है, लेकिन अनिरुद्ध भरतपुर में राजनीति करते हैं। अपने आप को पायलट का खास समर्थक भी बताते हैं।
मदेरणा परिवार को भी आएगी दिक्कत
मारवाड़ की राजनीति में मदेरणा परिवार का विशेष महत्व रहा है। फिलहाल परिवार की बेटी दिव्या मदेरणा विधायक हैं। उनकी मां और भूतपूर्व जलदाय मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा 25 साल से भी अधिक समय से जोधपुर जिला परिषद की सदस्य रहीं। अब वे जोधपुर की जिला प्रमुख हैं।
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