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आहोर कस्बे में एक साथ 8 मुमुक्षु बुधवार को संयम पथ अपनाएंगे। कस्बे के चामुंडा चौक में स्थित गोड़ी पार्श्वनाथ बावन जिनालय में आहोर निवासी नेहा कुमारी, गुजरात के थराद निवासी गुणी बेन, पारील कुमारी, हेत्वी कुमारी, निर्संग भाई व धुड़ालाल एवं मध्यप्रदेश के झाबुआ निवासी शारस्वत सांसारिक जीवन छाेड़कर संयम पथ अंगीकार करेंगे। इसको लेकर पूरे कस्बे को दुल्हन की तरह सजाया गया है। कस्बे में 8 दीक्षार्थी एक साथ दीक्षा लेने पर काफी उत्साह का माहौल है। इनमें गुजरात के थराद के 6 दीक्षार्थी दीक्षा ले रहे हैं।
इसमें 68 वर्ष धुड़ालाल भी शामिल हैं। दो वर्ष पहले इनके पुत्र भी दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं। वहीं झाबुआ निवासी 18 वर्षीय शारस्वत भी दीक्षा कार्यक्रम में शरीक हुए। मंगलवार को कस्बे में वर्षीदान वरघोड़े का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों ने भाग लिया। वर्षीदान वरघोड़ा विभिन्न मोहल्लों से होकर निकाला गया, जिसमें सभी दीक्षार्थियों ने जमकर दान-पुण्य किया।
गुजरात के थराद निवासी 6, मध्यप्रदेश व आहोर से 1-1 दीक्षार्थी बुधवार काे संयम पथ अपनाएंगे। यह धार्मिक आयोजन जैनाचार्य विजय जयानंद सुरिश्वर महाराज की निश्रा में हो रहा। इसमें भाग लेने बड़ी संख्या में जैन संत व साध्वी भी पहुंचे हैं। मंगलवार को निकाले गए वर्षीदान वरघोड़े में सभी दीक्षार्थी हाथी पर सवार थे।
आहोर में निकला वर्षीदान वरघोड़ा, चार हाथियों पर सवार होकर दीक्षार्थियों ने दाेनाें हाथाें से दिया दान
आहोर में दीक्षा समारोह को लेकर लोगों में उत्साह किसी त्योहार से कम नहीं दिख रहा है। कस्बे को पूरी तरह से रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। मंगलवार को वर्षीदान के दौरान हाथी, ऊंट, घोड़े तथा वाहन रथ के साथ विभिन्न तरह के नृत्य आयोजन आकर्षण का केंद्र बना रहा। बैंडबाजों गाजों की धुनों पर जैन समाज के युवक-युवतियों ने नृत्य करने का भरपूर आनंद लेते हुए धार्मिक कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।
इसके साथ ही जिन शासन एवं पार्श्वनाथ भगवान के जयकारों के साथ दीक्षार्थी अमर रहे की आवाज से वातावरण धर्ममय बना रहा। वर्षीदान वरघोड़ा चामुंडा चौक स्थित गोडी ब बावन जिनालय से रवाना होकर, महालक्ष्मी मंदिर, पुरानी सब्जी मंडी, खारा वेरा सेरी, जैन आश्रम मंदिर, पुराना बस स्टैंड, सुभाष चौक सहित कस्बे के मुख्य मार्गों से होता हुआ गोडी पार्श्वनाथ बावन जिनालय परिसर में पहुंचा जहां विर्सजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान दीक्षार्थियों ने अपने दोनों हाथों से सांसारिक वस्तुओं का दान किया।
दीक्षा कार्यक्रम देखने आए थे, अब खुद भी लेंगे दीक्षा
आहोर में 6 दीक्षार्थियों की दीक्षा समारोह होना था। दीक्षा कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे, गुजरात के थराद निवासी 68 वर्षीय धुड़ालाल व झाबुआ निवासी शारस्वत ने भी सांसारिक जीवन को छोड़कर दीक्षा लेने का भाव जागा एवं इच्छा जताई। जिस पर दोनों को जैनाचार्य ने सहमति देते हुए दीक्षा ग्रहण करवाने को लेकर मुहूर्त निकाल दिया। बुधवार को आहोर में एक साथ 8 जने दीक्षा लेंगे।
धुड़ालाल के पुत्र भी ले चुके हैं दीक्षा, शारस्वत का तीन माह बाद था कार्यक्रम
गुजरात के थराद के 6 दीक्षार्थी दीक्षा ले रहे हैं। इसमें 68 वर्ष धुड़ालाल भी शामिल हैं। दो वर्ष पहले इनके पुत्र भी दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं। वहीं झाबुआ निवासी 18 वर्षीय शारस्वत भी दीक्षा कार्यक्रम में शरीक हुए। परिवार द्वारा तीन-चार माह बाद उन्हें दीक्षा ग्रहण करवाने का निर्णय किया था। मगर उन्होंने आहोर में आयाेजित कार्यक्रम में ही दीक्षा लेने की बात कही, जिस पर परिजनों के साथ-साथ जैनाचार्य ने भी सहमति दे दी।
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