जीवाणा की अनार मंडी में इस बार भरपूर मात्रा में अनार बिकने आ रहे हैं। मंडी में हर दिन करीब 250-300 ट्रैक्टर ट्रॉली में 6000 क्विंटल से अधिक अनार बिक रहे हैं। इससे किसानों को 40 से 80 रुपए प्रति किलो तक के भाव मिले रहे हैं। सांचौर से भी प्रतिदिन गुजरात की मंडियों में करीब 300 क्विंटल अनार भेजी जा रही है। जीवाणा की मंडी में अनार की खरीद के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली तक के बड़े व्यापारी आते हैं। जो किसानों की अनार खरीद देश-विदेश तक सप्लाई करते हैं।
हमारे अनार की क्वालिटी की मांग अधिक हैं। जिसकी मांग देश के हर कोने तक हैं। हमारे अनार दुबई, नेपाल और बांग्लादेश तक बिक रहे हैं। महाराष्ट्र निवासी अनार के बड़े व्यापारी विश्वनाथ पिंगले के मुताबिक जालोर की अनार की सप्लाई ऑल इंडिया में की जा रही हैं। विदेशों में भी जाती हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र की अनार की आवक दिसंबर तक ही होती हैं। उसके बाद स्टॉक खत्म होने लगता हैं। इसीलिए जिले की अनार की मांग देशभर में रहती हैं।
यहां भी अनार की मांग
जालाेर के अनार की मांग पूरे देशभर में हैं। व्यापारियाें के अनुसार यहां की अनार दिल्ली, मद्रास, कलकत्ता, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में अधिक हैं। इसके अलावा दुबई और बांग्लादेश तक इस अनार काे भेजा जा रहा है।
रकबा बढ़ा, लेकिन इस बार आकार छोटा रह गया
किसानों ने पंरपरागत खेती छोड़ बागवानी शुरू की हैं। जिससे इस बार जिले में अनार की खेती का रकबा पहले की तुलना में अधिक बढ़ा हैं। सायला क्षेत्र के जीवाणा व इसके आसपास के गांवो में इस बार 25 फीसदी अनार की खेती का रकबा बढा हैं। करीब 300 हैक्टेयर में अनार की खेती की गई है। लेकिन अनार की साइज छोटी होने से उत्पादन पर असर पड़ा है।
दिसंबर से पहले लाने वालों को नुकसान भी
मंडी में अनार दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह तक आनी शुरू होती हैं। लेकिन इस बार समय से पहले आवक शुरू हो गई। जिससे किसानों को नुकसान भी हुआ हैं। इसकी बड़ी वजह कर्नाटक व महाराष्ट्र में अनार का स्टॉक खत्म होना रहा। शुरुआती समय किसानों को 20 से 50 रुपए किलाे के भाव मिले।
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