सीबीएसई इस सत्र से स्कूली बच्चों की प्रोफाइलिंग की गाइड लाइन बना चुका है। मकसद ये कि स्कूल स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन हो सके। यानी कोरोना काल में भी आंतरिक मूल्यांकन हो सकेगा। राज्य में यह मॉडल पहले से लागू हो चुका है। परीक्षा नहीं होने की स्थिति में इस आधार पर इंटरनल असेसमेंट में आसानी होती है।
यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कोरोना काल में छात्रों को प्रमोट करने में काफी परेशानी आ रही है। फिलहाल सीबीएसई की ओर से परीक्षा रद्द हो जाने की वजह से बच्चों के मूल्यांकन के लिए मिड टर्म, प्री-बोर्ड, आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क-प्रेक्टिकल को आधार बनाया है। लेकिन कई स्कूलों में इनके अंक पोर्टल पर अपलोड करने हैं। कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने प्री बोर्ड, मिड टर्म को गंभीरता से नहीं लिया।
ऐसे में अब साल भर छात्रों की प्रोफाइलिंग होती रहेगी। सीबीएसई के को-ऑर्डिनेटर विलियम डिसूजा ने बताया कि नई स्कीम के मुताबिक बोर्ड की ओर से शैक्षणिक सत्र 2021-22 के तहत 10वीं-12वीं के मूल्यांकन के लिए जारी स्पेशल स्कीम में छात्रों की अलग से प्रोफाइल बनेगी। इसके लिए साल भर बच्चों का आंतरिक मूल्यांकन होता रहेगा।
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