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शहर में चोरियों की वारदातों के खुलासे की मांग को लेकर व्यापारियों का छठे दिन भी धरना जारी रहा। धरना स्थल पर समझाइश को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्रोई पहुंचे। लेकिन व्यापारियों ने यह कहकर बैरंग लौटा दिया की दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही व पीडि़त को न्याय पहले दिलाया जायें।
वन मंत्री ने कहा कि पुलिस मामले की कार्यवाही कर रही है, जल्द ही वारदतों को खुलासा हो जायेगा,जिस पर व्यापार महासंघ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहले उनका चोरी हुआ माल पुलिस पीडि़त को सुपुर्द करें, उसके बाद दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही हो। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि वे पिछले छह दिनो से धरने पर बैठे किन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं करने वाला है। ऐसे में व्यापारि यो का कोई धणी धोरी नहीं है।
व्यापारि यो ने कहा कि पुलिस को जहां व्यापारियों का सहयोग करना चाहिये, वहीं पुलिस उनकी समस्या की बजाय उन पर धरना समाप्त करने का दबाव बनाया जा रहा हैं। जिसको लेकर व्यापारि यो में रोष हैं। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि पुलिस की चोरों के साथ मिलीभगत हैं, जिसको किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जायेगा।
इस दौरान वन मंत्री ने धरना स्थल से पुलिस अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर मामले में कार्यवाही के निर्देश दिये। धरना स्थल पर समझाइश के बाद भी व्यापारियों द्वारा अपनी मांगो पर अड़े रहने व धरना समाप्त नहीं करने पर वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई बिना धरना समाप्त करवाए वहां से निकल गये।
इसके बाद वन मंत्री के निर्देश पर एसपी दशरथसिंह, डीएसपी विरेन्द्रसिंह ने धरनास्थल पर पहुंचकर व्यापारियों से वार्ता की और पीडि़त व्यापारियों के बयान लिये। इस दौरान धरना स्थल पर अमराराम देवासी, अमराराम देवासी, रूपाराम गहलोत, इन्द्रसिंह, सुरेन्द्रसिंह भाटी, नेताराम चौधरी, पूनमाराम पूनिया, दलपतसिंह, हिन्दूसिंह, प्रकाश खत्री, दिनेश खत्री, छोगाराम चौधरी, लालाराम साहू, अनिल कुराड़ा, राजेश कुमार, जुगराज, जयसिंह राव, दशरथसिंह, वेरसीराम, लाखाराम गर्ग, चेलाराम, प्रकाश पुरोहित, पीराराम, सत्यनारायण सहित कई जने मौजूद थे।
पिछले छह दिन से चल रहा धरना, 11 जने बैठे क्रमिक अनशन पर
शहर में चोरियों की वारदातों का राज खोलने की मांग को लेकर पिछले छह दिनों से धरने पर बैठे व्यापारियों ने धरना स्थल से ही पुलिस अधीक्षक श्यामसिंह से फोन पर बातचीत कर अपनी व्यथा सुनाई। चोरी के मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा जांच के नाम पर किए जा रहे मामले व व्यापारियों के विरोध को जताया।
साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर उन्हें निलम्बित करने की मांग रखी। इस दौरान मंगलवार को 11 जने क्रमिक अनशन पर रहे। वहीं धरने पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने भी समर्थन दिया। यूनियन के जिलाध्यक्ष सोनाराम बिश्नोई ने व्यापारियों की जल्द मांगें मानने की बात कही।
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