पिछले दाे दिनाें में प्रदेश सहित कई राज्याें में आकाशीय बिजली गिरने से हुई लाेगाें की माैत से सबक लेते हुए प्रदेश के शिक्षा विभाग ने नई पहल करते हुए अब भविष्य में भवनाें के निर्माण में आकाशीय बिजली से सुरक्षा के प्रावधान रखे जाएंगे।
भविष्य में विद्यालय भवनों के निर्माण में आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए Building code IS 2309(1989) की पालना की जाएगी। साथ ही विद्यालयों में अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं को जागरूक भी करना होगा। इसकाे लेकर राज्य परियाेजना निदेशक समग्र शिक्षा व आयुक्त स्कूल शिक्षा डाॅ. भंवरलाल ने आदेश जारी किए। यानी बच्चे सुरक्षित माहाैल में अध्ययन कर सकेंगे।
इसके साथ ही बच्चाें, शिक्षकाें व बिल्डिंग काे काेई नुकसान नहीं पहुंचे। इसके लिए भी नियम तैयार किए गए हैं। अगर किसी पर बिजली गिरे ताे श्वास रुक गई है ताे मुंह से मुंह में सांस देने की प्रक्रिया करें। अगर दिल की धड़कन रुक जाए ताे कार्डियाे पल्माेनरी रिससिटेशन प्रक्रिया अपनाएं। यदि पीड़ित की नाडी चल रही है ओर वह सांस ले रहा है ताे संभावित चाेटाें की तलाश करें। शहरी में जहां से बिजली ने प्रवेश किया है। जहां से बिजली बाहर निकली है। उस स्थान के जलने की जांच करे।
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