प्रदेश में 23 साल से सर्वश्रेष्ठ सहकारी बैंकाें में शामिल रही सुमेरपुर मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक लि. में 14.73 कराेड़ रुपए का गबन हाेने का मामला उजागर हाेने के बाद खाताधारकाें व शेयर हाेल्डराें में हड़कंप मच गया है। बैंक के उपभोक्ताओं को जमा की गई गाड़ी कमाई डूबने की चिंता सता रही है।
यह गबन और अभी बड़ा निकल सकता है, क्याेंकि रिजर्व बैंक के पास पहुंची शिकायत के बाद कराई गई प्रारंभिक जांच में ही सुमेरपुर और फालना बैंक की शाखाओं की तिजाेरी में ही 14.73 कराेड़ रुपए गायब मिले। शक है कि कराेड़ाें की यह राशि सीईओं या कर्मचारियाें ने मिलकर कहीं अन्य स्थान पर खपाई या अपने घर पहुंचा दी। अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए बैंक की सभी पांच शाखाओं में एक-एक रुपए के लेन-देने के दस्तावेज काे खंगाला जा रहा है।
बैंक में हाेने वाली अनियमितताओं तथा खाताधारकाें की जमा राशि में गड़बड़ी की शिकायत के बाद रिजर्व बैंक ने सहकारी समितियाें के रजिस्ट्रार काे आदेश जारी कर जांच करने के आदेश दिए थे। पाली से बैंकिग विशेषज्ञ काे ले जाकर उप रजिस्ट्रार ओमपाल सिंह भाटी के निर्देशन में 4 अधिकारियाें ने बैंक की फालना तथा सुमेरपुर शाखाओं में जांच की।
बैंक में हुए लेन-देन के साथ ही जमा राशि काे लेकर बैंक की तिजाेरी काे खंगाला गया ताे वहां से जमा राशि गायब थी। इधर, बैंक में जांच की सूचना के बाद खाता धारकाें समेत अन्य निवेशक अपनी राशि काे विड्राॅल कराने के लिए उमड़ पड़े।
सुमेरपुर मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश स्वरूप कल्ला ने बताया कि जांच में बैंक की तिजाेरी में रुपए कम मिलने काे गबन माना गया है। यह राशि कहां गई, उनकाे भी पता नहीं है। हमारे स्तर पर लापरवाही जरूर रही है।
अब इसकी जांच चल रही है। ऐसे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। यह जरूर विश्वास दिलाता हूं कि बैंक में जिस भी खाताधारक की राशि जमा है। वह पूरी तरह से सुरक्षित है। किसी का भी पैसा नहीं डूबेगा। यह मैं सभी काे विश्वास दिलाता हूं।
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