पाली जिले में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा बढ़कर गुरुवार सुबह तक 3188 पहुंच गया। हालांकि इसके बाद भी जोधपुर, जयपुर सहित अन्य कई जिलों से पाली बेहतर हालात में है। बांगड़ हॉस्पिटल में कोविड-19 संक्रमण के गंभीर मरीजों के लिए 110 बेड रिजर्व हैं। लेकिन अभी इनमें से सिर्फ 3 बेड पर कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं. राहत की बात यह है कि इनमें से कोई भी मरीज फिलहाल वेंटिलेटर पर नहीं हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन का वायरस 20 मिनट से ज्यादा हवा में नहीं टिकता। यही कारण है कि जहां भीड़-भाड़ कम होती है, वहां इसका असर कम रहता है। एक्सपर्ट का कहना है कि किसी के छींकने या खांसने पर ड्रॉपलेट 3 से 4 फीट तक जाते हैं। इसके बाद 5 से 6 फीट के बाद इसके ड्रॉपलेट कमजोर होकर खत्म हो जाते हैं। इसके चलते कोरोना की तीसरी लहर में फिलहाल अधिकतर शहरों में गंभीर मरीज सामने नहीं आ रहे हैं और हॉस्पिटलों में भी व्यवस्था कंट्रोल में है।
जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल की स्थिति
कोविड-19 मरीजों के लिए बांगड़ हॉस्पिटल में 110 बेड रिजर्व हैं। गुरुवार सुबह हॉस्पिटल के हालात का जायजा लेने भास्कर टीम यहां पहुंची। आउटडोर के बाहर पर्ची कटाने के लिए लोगों की कतार लगी थी। यहां लोग मास्क में तो नजर आए लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग नदारद थी। हॉस्पिटल के गलियारे सूने-सूने थे। हम कोविड ओपीडी पहुंचे तो यहां कोरोना जांच कराने वालों की कतार थी। यहां से हम आईसोलेशन बी वार्ड पहुंचे, जहां एक कोरोना पॉजिटिव कैदी भर्ती दिखा। बाकी सभी बेड यहां खाली मिले। इसके बाद न्यू कोविड आईसीयू आईसोलेशन वार्ड ई में कोरोना मरीजों के लिए रिर्जव सभी वार्ड खाली मिले। हालांकि आईसीयू वार्ड में कोरोना के तीन गंभीर मरीज भर्ती मिले। मगर वे वेंटिलेटर पर नहीं थे।
सजग रहना जरूरी क्योंकि तीसरी लहर में 67 की हो चुकी मौत
कोरोना से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। तीसरी लहर में बीते 16 दिन में कोरोना संक्रमण से अब तक 67 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 50 मरीजों ने पिछले 7 दिन में दम तोड़ा है। राजस्थान में बुधवार को तीसरी लहर के सबसे डरावने आंकड़े सामने आए। बुधवार को 12 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। वहीं 13 हजार 398 नए मरीज सामने आए थे।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल बोले- फिलहाल स्थिति कंट्रोल में
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल दीपक वर्मा ने बताया कि बांगड़ हॉस्पिटल के कोविड वार्ड के 110 बेड मरीजों के लिए रिजर्व हैं। हॉस्पिटल में एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है। हॉस्पिटल में सर्दी-जुकाम के मरीज भी आ रहे हैं। कोरोना सैम्पलिंग बढ़ा दी गई हैं। ताकि समय पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज शुरू हो सके। ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव घरों में होम आइसोलेशन में हैं।
कोरोना पॉजिटिव कोई बच्चा फिलहाल हॉस्पिटल में भर्ती नहीं
कोरोना की गिरफ्त में आ रहे बच्चों को लेकर बांगड़ हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरके विश्नोई का कहना है कि बच्चे कोरोना पॉजिटिव तो आ रहे हैं, लेकिन गंभीर बात नहीं है। दो-तीन बच्चों को एडमिट किया था। जिन्हें छुट्टी दे दी है। फिलहाल कोई भी कोरोना पॉजिटिव बच्चा अस्पताल में एडमिट नहीं है।
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