ठेकेदार हनुमानसिंह का रविवार सुबह पाली के निकट ढाबर गांव में गमगीन माहोल में अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और ठेकेदार पहुंचे। उनकी अकाल मौत के चलते पूरे गांव में शोक का माहौल नजर आया।
जैसे ही उनकी बॉडी अंतिम संस्कार के लिए परिजन घर से लेकर निकले परिवार की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। उन्हें ग्रामीण महिलाओं और रिश्तेदार महिलाओं ने संभाला। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार हुआ। कांग्रेस नेता महावीर सिंह सुकरलाई, एडवोकेट चंद्रभान सिंह राजपुरोहित,शिशुपाल सिंह राजपुरोहित, पूर्व सभापति महेन्द्र बोहरा, पार्षद बाबूभाई आर्य, पार्षद विकास बुबकिया, ठेकेदार संघ अध्यक्ष पंकज शर्मा, आनंद कवाड़ सहित कई अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे।बता दें कि ढाबर गांव में शुक्रवार शाम को नगर परिषद ठेकेदार हनुमानसिंह राजपुरोहित (55 साल) ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। उनकी जेब से एक दो पेज का सुसाइड नोट मिला। जिसमें उन्होंने लिखा कि नगर परिषद में उनके दो से ढाई करोड़ रुपए बकाया है। जिसे रिलीज नहीं किया जा रहा। सुसाइड नोट में उन्होंने राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और लेखा शाखा के नरेश चौधरी का नाम लिख उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी बताया। उन्होंने लिखा कि कमीशन नहीं देने के चक्कर में उनका पेमेंट इन लोगों ने अटका रखा है। जिससे वे लोगों के बकाया रुपए वे नहीं दे पा रहे है। बैंकों की किस्तें भरने में उनको दिक्कत हो रही थी। यह लोग कमीशन के चक्कर में उनका बकाया पैसा उन्हें नहीं दे रहे थे। इसके चलते वे डिप्रेशन में थे और आत्महत्या कर ली थी। बाद में परिवार, समाज और ठेकेदारों ने धरना दिया। शनिवार रात करीब सवा दस बजे समझौता होने पर वे बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए थे।
इन मांगों पर बनी सहमित
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