पाली में न्यायिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर:बोले; जयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मौत आत्मदाह से नहीं उसकी हत्या हुई है

पाली4 महीने पहले
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पाली न्यायालय के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे न्यायिक कर्मचारी।

जयपुर में एक अधिकारी के आवास पर जयपुर कोर्ट के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुभाष मेहरा के आत्मदाह का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आत्मदाह को निर्मम हत्या बताया जा रहा है। मृतक परिवार को न्याय दिलाने एवं मामले की सीबीआई से जांच करने की मांग को लेकर बुधवार से पाली न्यायालय के न्यायिक कर्मचारी भी सामूहिक अवकाश लेकर कोर्ट के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।

राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के संयोजक रमेश सोलंकी ने बताया कि जयपुर कोर्ट के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुभाष मेहरा ने एक अधिकारी के आवास पर 10 नवंबर को आत्मदाह कर लिया था। इसके विरोध में जयपुर कोर्ट में 18 नवंबर से सामूहिक हड़ताल को प्रदेशव्यापी समर्थन देने के लिए जिला न्यायिक कर्मचारी संघ ने भी सामूहिक हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। उनके समर्थन में पाली में भी न्यायिय कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।

पाली न्यायालय के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे न्यायिक कर्मचारी।
पाली न्यायालय के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे न्यायिक कर्मचारी।

यै है मांगें -

  • मृतक सुभाष नेहरा की मौत के मामले की सीबीआई जांच हो।
  • साक्ष्य मिटाने वालों के खिलाफ के खिलाफ विभागीय जांच हो।
  • राजस्थान के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में अंग्रेजों से समय से चली आ रही नियम विरूद्ध प्रथा पर प्रतिबंध लगाया जाए।
  • मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।