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यह तस्वीर किसी सरकारी सिस्टम में लगे लापरवाही के घुन से भी ज्यादा भयावह है। काेसेलाव गांव के शनिश्चर चाैक पर स्थित राजकीय स्कूल 5 साल पहले मर्ज हाे गया, लेकिन जिम्मेदाराें काे उस स्कूल के कमरे में रखा गेहूं याद ही नहीं रहा।
इन पांच साल में यह गेहूं सड़ गया। गेहूं करीब 30 क्विंटल है, जाे 60 कट्टाें में भरा था। गत दिनाें स्कूल में हुई क्रिकेट प्रतियाेगिता के दाैरान खिलाड़ियाें ने ड्रेस चेंज करने के लिए कमरे काे खाेला ताे अंदर गेहूं सड़ांध मार रहा था।
काेई बाेलने काे तैयार नहीं
स्कूल में रखा यह गेहूं पाेषाहार का था या राशन का, यह काेई भी बाेलने काे तैयार नहीं है। शिक्षा विभाग ने इसे पाेषाहार का गेहूं मानने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह गेहूं किसका है?
यह कमरे में कैसे आया, कमेटी करेगी जांच
^गेहूं स्कूल का नहीं है। यह गेहूं कहा से आया या किसी ने यहां लाकर डाला इसके लिए जांच कमेटी बिठाई है। रिकाॅर्ड काे भी खंगाला जा रहा है। रिपाेर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
- माेहनलाल साेनी, सीबीईओ, सुमेरपर
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