पाली जिले के नारलाई के निकट शोभावास सड़क मार्ग पर कलजीवाला खेत के निकट एक मादा लेपर्ड की बॉडी झाड़ियों में फंसी मिली। इसकी उम्र करीब 17 वर्ष थी। भोजन की तलाश में भटकते हुए लेपर्ड झाड़ियों में बुरी तरह फंस गई। तेज गर्मी में भूख-प्यास के कारण उसकी मौत हो गई। सूचना पर देसूरी वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी करण सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में आई टीम लेपर्ड की बॉडी को देसूरी वनविभाग के रेस्क्यू सेंटर लाई। यहां पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ नथाराम चौधरी के नेतृत्व में टीम ने पोस्टमार्टम किया। देसूरी तहसीलदार कैलाश इणानिया, देसूरी थानाप्रभारी मुकेश कुमार की मौजूदगी में शनिवार शाम को लेपर्ड की बॉडी का अंतिम संस्कार किया गया।
ट्रेंकुलाइजर का अभाव
लेपर्ड के कुएं में गिरने का मामला हो या झाड़ियों में फंसे होने का मामला। अक्सर देखा गया कि समय पर मदद नहीं मिलने कुछ लेपर्ड की मौत तक हुई है। इसका मुख्य कारण पाली वन विभाग के पास वन्यजीवों को ट्रेंकुलाइजर उपलब्ध नहीं होना है। जब तक जोधपुर से टीम रेस्क्यू के लिए आती है बहुत देर हो जाती है।
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