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सोजत रोड थाना क्षेत्र के खारड़ी गांव में रविवार शाम को खाना खाने के बाद एक ही परिवार के सात लाेगाें की तबीयत खराब हाे गई। इनमें से पिता-पुत्र की हालत गंभीर बताई जाती है। चाराें बच्चाें समेत पांचाें की हालत खतरे से बाहर है। घायलाें का जोधपुर व पाली में उपचार चल रहा है।
फूड पॉइजनिंग के कारणों की जांच के लिए मेडिकल विभाग ने खाने के सैंपल लेबाेरेट्री में जांच के लिए भेजे हैं। रविवार सुबह ही परिवार के लाेगाें ने गेहूं की पिसाई की थी। आशंका है कि गेहूं में कीटनाशक का मिश्रण हाे गया। इससे बनी राेटियां खाने से इन लाेगाें की तबीयत खराब हाे गई। के सैंपल की जांच रिपाेर्ट मिलने के बाद इसका खुलासा हाेगा।
सब्जी व राेटी खाने से पहले पिता-पुत्र व चरवाहा बीमार
खारड़ी गांव के बस्तीराम बावरी के यहां बाड़सा निवासी ओमाराम (16) पुत्र घेवरराम बावरी बकरियां चराने का काम करता है, जाे उसके घर पर ही खाना खाता है। रविवार दिन में चक्की से आटा पिसाई कर शाम के लिए राबाेड़ी की सब्जी व राेटी बनाई गई। दिनभर काम करने के बाद सबसे पहले बस्तीराम, उसके पुत्र तेजाराम (25) व चरवाहे ओमाराम ने खाना खाया, जिसकी देर शाम काे तबीयत बिगड़ने पर पहले जाडन अस्पताल ले गए, जहां से उनकाे पाली रेफर किया। ओमाराम की व तेजाराम की हालत भी देर रात तक गंभीर थी।
ननिहाल में आए चाराें बच्चाें की भी तबीयत बिगड़ी, जाेधपुर भर्ती
परिवार के लाेग बस्तीराम बावरी समेत तीनाें लाेगाें काे उपचार के लिए रविवार शाम काे अस्पताल ले गए ताे उस समय बस्तीराम की पुत्री के चार बच्चे घर पर रह गए। वे दिन में ही ननिहाल आए थे। रात काे वही खाना खाने के बाद निंबली गांव की भावना (5), दिलीप (12), मनीष (4) व ललित (8) की भी तबीयत बिगड़ गई। कुछ देर बाद परिवार के लाेगाें ने चारों बच्चाें को बांगड़ अस्पताल में पहुंचाया। जहां से प्राथमिक उपचार के तबीयत ज्यादा खराब होने पर चारों को जोधपुर रेफर किया गया। जहां उनका उपचार जारी है।
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