तालाब में डूबने से दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई। दोनों नहाने गए थे लेकिन तैरना नहीं आने से डूब गए। शवों को निकालकर मोर्चरी में रखवाया गया। हादसा पाली के रोहट थाना क्षेत्र का है।
रोहट थाने के SHO उदय सिंह ने बताया कि शुक्रवार को भांवरी गांव निवासी 11 साल के विवेक पुत्र मनोहर वाल्मीकि और 12 साल के निकेश पुत्र शांतिलाल वाल्मीकि गांव के तालाब में नहाने गए थे। तैरना नहीं आने से दोनों तालाब में डूब गए। शाम को तालाब किनारे बच्चों के कपड़े और चप्पल देखकर ग्रामीणों को किसी के डूबने का शक हुआ। रेस्क्यू करने पर बच्चों के शव मिले। पोस्टमार्टम के बाद आज परिजनों को शव सौंपे गए।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि अब उनके लाडले इस दुनिया में नहीं रहे। दुख की इस घड़ी में रिश्तेदार और ग्रामीण उन्हें संभालते नजर आए।
एक सप्ताह में डूबने से 7 की मौत
12 सितम्बर-सुमेरपुर के निकट नदी में 3 बहनें नहाने उतरी। डूबने से शिवगंज के कपूर कॉलोनी निवासी 7 साल की काजल पुत्री रमेश जोगी की मौत हो गई।
13 सितम्बर-12 सितम्बर को शिवपुरा थाना क्षेत्र के मोडावास के निकट तालाब में डूबने से वृद्ध नारायणलाल की मौत हो गई।
15 सितम्बर-पाली के सदर थाना क्षेत्र के लांबिया गांव में नाडी में डूबने से 9 साल की दुर्गा, 6 साल की प्रियंका और 3 साल के धीरज पुत्र खरताराम की मौत हो गई। तीनों ही सगे भाई-बहन थे।
16 सितम्बर-रोहट थाना क्षेत्र के भांवरी गांव में तालाब में डूबने से 11 साल के विवेक और 12 साल के निकेश वाल्मीकि की मौत हो गई।
हर साल होती है सैकड़ों मौतें
बरसात के मौसम में नदी-नालो व नाडी में पानी भर जाता है। नहाने की चाह में कई जने उनमें उतर जाते है। लेकिन तैरना नहीं आने के चलते हर साल सैकड़ों लोगों की पाली जिले में डूबने से मौत होती है। जिनमें विशेषकर बच्चे होते है। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन की और से ऐसा अभियान नहीं चलाया जाता। जिसमें ग्रामीणों और बच्चों को जागरूक किया जा सके कि वे नदी-नालों व नाडी से दूर रहे। जिससे की हादसे का शिकार न हो।
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