सोजत के दो युवा सड़क हादसों में घायल हुए कुत्तों को नया जीवन देने का काम कर रहे हैं। कुत्ते फिर से अपने पैरों पर चल सके इसके लिए इन्होंने जुगाड़कर एक एक्सरसाइज मशीन बनाई हैं। जिस पर डॉग पर बांधकर उन्हें चलने की प्रैक्टिस करवाते हैं। इसके साथ ही दोनों अपनी गाड़ी में हर समय एक मेडिकल किट रखते हैं। जहां भी उन्हें कोई घायल डॉग मिलता हैं तुरंत मरहम पट्टी करने में जुट जाते हैं। ऐसा कर इन्होंने पिछले करीब दो सालों में कई डॉग के पैरों को दुरुस्त कर उन्हें फिर चलाया हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
पाली जिले के सोजत सिटी निवासी दिनेश टांक व गौरव प्रजापत ने बताया कि वे पढ़ाई करते हैं तथा एक सुंदरकांड मंडली से जुड़े हुए हैं। लॉक डाउन में कुछ करने को विशेष था नहीं। ऐसे में एक डॉग को रगते हुए जाते देखा। सड़क हादसे में उसके पीछे के दोनों पैर फेक्चर हो रखे थे। ऐसे में वह चल नहीं पा रहा था। जिस पर उसे एनिमल डॉक्टर के पास ले गए। उसका उपचार करवाया। फिर वह दिन भी आया जब वह डॉग अपने पेरों पर चलने लगा। यह देख हमें बहुत अच्छा लगा। तभी से दोनों ने सड़क हादसों में अपाहिज हुए डॉग की सेवा करना शुरू कर दिया।
यूट्यूब देखकर बनाई एक्सरसाइज मशीन
हादसों में घायल हुए डॉग फिर से अपने पैरों पर चल सके इसलिए दोनों ने यू ट्यूब पर एक वीडियो देख डॉग के लिए एक एक्सरसाइज मशीन बनाई। जिसके सहारे कुत्ते को चलने का अभ्यास करवाते हैं। यह काम दोनों के रूटीन में शामिल हैं।
गाड़ी में रखते हैं मेडिकल किट साथ में
दिनेश टांक ने बताया कि दोनों अपनी गाड़ी में एक मेडिकल कीट साथ रखते हैं। जहां भी उन्हें घायल डॉग मिलता हैं उसका प्राथमिक उपचार करते हैं। कोई डॉग ज्यादा बीमार हैं या उसके गहरा घाव हैं तो तुरंत कंपाउंडर को या डॉक्टर को मौके पर बुलाते हैं और उसका इलाज कराते। तथा वहां जो भी खर्च लगता वह सुंदरकांड के जरिए जुटाई गई रुपयों से करते हैं।
(फोटो - श्याम पाराशर, सोजत)
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