पालीवासियों को इन दिनों पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के विधायक व सांसद जवाई बांध के पानी की बंदरबांट न करवाते तो आज जिले में पेयजल संकट के हालात नहीं होते। यह आरोप वरिष्ठ कांग्रेस नेता जब्बरसिंह राजपुरोहित ने लगाए। उन्होंने कहा, भाजपा के जनप्रतिनिधियों की कथनी व करनी में भी अंतर है।
उन्होंने कहा, ये जनप्रतिनिधि जवाई बांध कमाण्ड जल वितरण समिति के सदस्य हैं जिन्होंने जवाई कमाण्ड जल वितरण की बैठकों में सिर्फ और सिर्फ किसानों के 55 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए पानी की पैरवी करते आए लेकिन 10 शहर व 563 गांवों की आबादी के पीने के पानी की मांग कभी नहीं उठाई। उन्होंने कहा, भाजपा के लोग पहले पीने के पानी की जवाई बांध से बन्दर बांट करवाते हैं और बाद में सरकार, प्रशासन व जलदाय विभाग के विरूद्ध आन्दोलन करते हैं। पिछले वर्ष जवाई बांध जल वितरण की बैठक में भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने सिंचाई के लिए चार हजार एमसीएफटी पानी दिलवाकर पीने के पानी में भारी कटौती करवा दी थी, जिससे आज पेयजल संकट खड़ा हुआ है। उसी तरह जल वितरण के समय सक्रिय रहते तो यह भीषण संकट उत्पन्न नहीं होता।
वरिष्ठ नेता जब्बरसिंह राजपुरोहित ने आरोप लगाया कि नौ वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सांसद एक बार केन्द्रीय मंत्री भी रहे तथा जिले के सभी विधायक पिछले दस से लेकर 25 वर्षोँ से चुनते आ रहे हैं, जिनकी प्रदेश में कई बार सरकारें रही हैं परन्तु इनके द्वारा कोई भी सकारात्मक प्रयास स्थाई पेयजल योजना के लिए नहीं किए गए। इन सभी के क्षेत्रों में जवाइबांध से ही पेयजल सप्लाई सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वाले लोगों को भड़का कर उनसे आंदोलन करवाते हैं जिससे की प्रदेश सरकार की छवि खराब हो।
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