पाली के एक मासूम के पैर पर खौलता हुआ तेल गिर गया। 15 साल का बच्चा छत्तीसगढ़ में एक मिठाई की दुकान पर काम करता था। डेढ़ महीने पहले कचौरी बनाते समय उसके पैर पर गरम तेल गिर गया, लेकिन, किसी ने ध्यान नहीं दिया। कुछ समय बाद बच्चे ने इस बारे में अपने मांं-बाप को बताया। सेठ तो पता चला तो उसने इतनी बुरी तरह पीटा कि बच्चे को लकवा हो गया। मां-बाप चार दिन पहले बच्चे को छत्तीसगढ़ से पाली लेकर आए। गुरुवार को उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया। जिले के रोहट इलाके के भाकरीकला में रहने वाले इस मासूम से उसके चचेरे भाइयों ने अच्छे स्कूल में एडमिशन कराने का वादा किया था। बच्चे के माता-पिता गरीब हैं। उनसे परमिशन लेकर चचेरे भाई रमेश और नारायण उसे अपने साथ 6 महीने पहले छत्तीसगढ़ ले गए थे। वहां जाते ही भाइयों ने मासूम को मिठाई की दुकान पर काम में लगा दिया। वहां सेठ ने उससे कचौरी तलने का जोखिम भरा काम कराया। करीब डेढ़ महीने पहले कचौरी तलने के दौरान मासूम के पैर पर खौलता तेल गिर गया, लेकिन सेठ ने उसका इलाज कराना जरूरी नहीं समझा। चचेरे भाइयों ने भी सुध नहीं ली।
डॉक्टर ने लंगड़ाते देखा तो हुआ खुलासा
कुछ दिन बाद सेठ की पत्नी बीमार हुई तो किशोर उसके साथ अस्पताल चला गया। वहां उसे लंगड़ाते देख डॉक्टर ने कारण पूछा तो बच्चे ने सारी घटना बताई। डॉक्टर का दिल पसीज गया और उसने बच्चे से उसके माता-पिता का नंबर लिया और सलाह दी कि वे बच्चे का इलाज कराएं।
जब सेठ को जानकारी मिली कि उसकी शिकायत मां-बाप से की गई है तो उसने आपा खो दिया। सेठ ने बच्चे को बेरहमी से पीटा और उसे चचेरे भाइयों के हवाले कर दिया। चार दिन पहले ही माता पिता बच्चे को छत्तीसगढ़ से पाली ले आए और बांगड़ अस्पताल में इलाज कराया। यहां तीन दिन इलाज चलने के बाद डॉक्टर एचएम चौधरी ने बच्चे के दोनों हाथ और पैर में लकवे की आशंका जाहिर करते हुए जोधपुर रेफर कर दिया।
बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी पहुंचे हॉस्पिटल
इधर मामले की जानकारी मिलते ही बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा अपनी टीम के साथ बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बच्चे से मुलाकात की तथा डॉक्टर से मासूम के इलाज को लेकर जानकारी ली। मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि बच्चे के परिजनों फिलहाल किसी भी तहर की कानूनी कार्रवाई करने से इंकार किया हैं।
बाल कल्याण समिति करें त्वरित कार्रवाई
मामले में बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य राकेश पंवार ने बताया कि इनको जब इस मामले की जानकारी मिली तो वे हॉस्पिटल पहुंचे और बच्चे के परिजनों से मिले। दोषी दुकानदार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। बाल कल्याण समिति को चाहिए की प्रसंज्ञान लेकर वे इस मामले में त्वरित कारवाई करें।
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