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जिले के सरदारपुरा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने एकजुट होकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। शिक्षकों ने कोरोनाकाल में स्कूल को संवारने का काम किया। शिक्षकों ने स्कूल का रंगरोगन के साथ विद्यार्थियों के लिए ज्ञान का गलियारा बना दिया। जहां हिंदी व अंग्रेजी वर्णमालाओं को उकेरा गया है। इस बरामदे की खास बात यह है कि प्रत्येक पीलर पर इन वर्णमालाओं के साथ उनसे संबंधित चित्र भी है, ताकि बच्चों को वर्णमाला आसानी से याद हो सकें। इतना ही नहीं इन्हीं पीलर के एक तरफ पर्यावरण सुरक्षा के साथ अन्य चित्रकारी भी सकारात्मक संदेश देती है।
संस्था प्रधान दामोदरलाल गुर्जर ने बताया कि शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा से इस समय को बेहतर उपयोग करके स्कूल का संवारने का काम किया। शिक्षकों ने मिलकर मेहनत कर स्कूल काे आकर्षक बनाया है। सरदारपुरा स्कूल भवन पर रंग-रोगन कर पूरे स्कूल में आकर्षक पेटिंग व विद्यार्थी से संबंधित शिक्षण सामग्री की पेटिंग करवाई है।
शिक्षकों ने अपने वेतन से दिए रुपए , ग्रामीण भी आए आगे
स्कूल के विकास के लिए शिक्षकों के साथ गांव के भामाशाह भी आगे आकर स्कूल को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। संस्था प्रधान दामोदरलाल गुर्जर व अध्यापक भानुप्रकाश दाधीच ने अपने वेतन से 35-35 हजार व अध्यापिका दुर्गा सीरवी, अलका शर्मा, रोशन कुमारी व विजय श्रीमाली ने अपने वेतन से 15-15 हजार रुपए का सहयोग दिया है।
वहीं शिक्षकों ने गांव में जाकर भामाशाहों से सहयोग मांगा तो ग्रामीण भी आगे आए। कई भामाशाह राशि दे रहे है और स्कूल विकास करवाने में सहयोग कर रहे है। स्कूल में गार्डन भी तैयार किया जा रहा है। वहीं स्कूल में विद्यार्थियों के लिए दो प्रकार के झूले भी लगवाए है।
स्कूल में विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री के साथ गणवेश भी वितरित
मोरली ग्राम पंचायत के अधीन सरदारपुरा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय इन दिनों हाईटेक बना हुआ है। शिक्षकों के साथ गांव के भामाशाह भी विद्यार्थियों के सहयोग के लिए आगे आते है। स्कूल के विद्यार्थियों गणवेश, जूते, मौजे, स्वेटर, नोटबुक, पेन, पेंसिल, टिफिन बॉक्स व बस्ता वितरित किया गया।
संस्था प्रधान बताते है कि स्कूल में 2017-18 में आए तो नामांकन कम था, लेकिन शिक्षकों की मेहनत से नामांकन वृद्धि भी हुई है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षा पहली से आठवीं तक का नामांकन 177 पहुंच गया है। स्कूल का परीक्षा परिणाम में भी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।
सभी की मेहनत का परिणाम
इस स्कूल में कार्यरत शिक्षकों, भामाशाहों व प्रेरक बंधुओं की मेहनत का ही नतीजा है कि स्कूल का कायाकल्प हो पाया है। अभी भी स्कूल विकास के लिए हर काेई अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है।
-दामोदरलाल गुर्जर, संस्था प्रधान, राउप्रावि. सरदारपुरा
स्कूल को सुंदर करने की जिद थी। सभी साथी तैयार हुए तो यह करके दिखाया। वहीं स्कूल विकास के लिए ग्रामीण का भी सहयोग रहा।
-भानुप्रकाश दाधीच, शिक्षक सरदारपुरा
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