जिलेभर में मानसून स्लोमूड में नजर आ रहा है और छिटपुट बारिश के साथ घने बादल छा रहे हैं। इस बीच जिले में इस मानसून में बारिश से ज्यादा आकाशीय बिजली की चमक दिख रही है। मंगलवार रात करीब 11.30 बजे पूरे जिले में तेज हवाओं और तेज गर्जना के साथ बारिश शुरू हुई।
इस दौरान बारिश कम ही हुई, लेकिन डेढ़ घंटे तक तेज गर्जना के बीच आकाशीय बिजली की चमक से लोग भयभीत रहे। क्याेंकि, दो दिन पहले ही जयपुर के आमेर किले में आकाशीय बिजली गिरने की घटना हुई थी और मौसम विभाग ने भी जिले में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की।
ऐसे में रात को बिगड़े मौसम से लोग घरों में ही सहमे रहे। इस दौरान पिंडवाड़ा के पास जनापुर में चामुंडा माता मंदिर और झाडोली में एक मकान पर आकाशीय बिजली गिरने की घटना हुई, जिससे लोग भयभीत हो गए। रात को जिले में सबसे ज्यादा पिंडवाड़ा क्षेत्र में 35 एमएम और सिरोही क्षेत्र में 15 एमएम बारिश हुई।
माउंट आबू में रातभर कौंधती रही बिजली, सवेरे से बादल
माउंट आबू शहर में मंगलवार रात करीब 12.30 बजे अचानक तेज गर्जना के साथ बिजली की चमक के साथ हल्की बारिश हुई। बारिश शुरू होते ही कुछ देर के लिए बिजली भी गुल हो गई। काफी देर तक आकाशीय बिजली चमकने से लोग भी सहम गए और मौसम में सामान्य होने पर ही लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं रात को हुई हल्की बारिश के बाद बुधवार को सवेरे वादियों में बादल छाए रहे तथा मौसम सुहाना हो गया।
जिला अस्पताल में गिर गया पेड़, इलाज कराने आया बच्चा जख्मी, बाइक दबी
रात को चली तेज हवा और बारिश से कमजोर हुआ जिला अस्पताल में खड़ा सालों पुराना पेड़ अचानक गिर गया। इस दौरान अस्पताल में अपने पिता के साथ इलाज कराने आया 9 साल का बालक विवेक पुत्र दिनेश निवासी मांकरोडा पेड़ की चपेट में आकर चोटिल हो गया और बाइक भी पेड़ के नीचे दब कर क्षतिग्रस्त हो गई। घटना सवेरे 8.45 बजे की है, जब अस्पताल खुला ही था और मरीज भी कम ही थे, इसलिए बड़ा हादसा होने से बच गया। पेड़ की कुछ दिन पहले ही छंगाई की गई थी।
(नोट : आंकड़े बीते 24 घंटों के बुधवार सवेरे 8 बजे तक एमएम में)
इसलिए गिरती है बिजली, 300 किलोवॉट से ज्यादा होती है चार्ज
आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल विपरीत दिशा में जाते हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके।
यदि यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढि़या कंडक्टर का काम करता है।
जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। इसका तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। इसकी क्षमता 300 किलोवाट यानी 12.5 करोड़ वॉट से ज्यादा चार्ज की होती है। यह बिजली मिली सेकंड से भी कम समय के लिए ठहरती है। सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
और ये हैं बचाव के उपाय : अगर आप बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं तो घर के अंदर ही रहें। बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें, जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि। पेड़ के नीचे - या खुले मैदान में जाने से बचें। अगर आप खुले मैदान में हैं तो जल्दी से किसी बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाएं।
आगे क्या : आज भी जिले में बिजली गिरने की चेतावनी
मौसम विभाग ने गुरुवार को भी सिरोही समेत प्रदेश के अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा. बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर, टोंक में बिजली गिरने की चेतावनी दी है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, चूरू, पाली, जालोर में हल्की बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी है।
चामुंडा मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त
पिंडवाड़ा के पास जनापुर गांव में मंगलवार रात को चामुंडा माता मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरी, जिससे मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और टूट कर नीचे गिर गया। इसी तरह झाडोली गांव के ब्रह्मपुरी स्थित एक मकान पर आकाशीय बिजली गिरने की सूचना मिली है, जहां बिजली गिरने से कुर्सी, टीवी व वायर जल गए।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.