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कोरोना काल में पिछले सत्र में बिना परीक्षा उत्तीर्ण हुए प्रदेश के लाखों नन्हें स्टूडेंट्स को परीक्षा तो देनी होगी, लेकिन इस बार वे आसानी से उत्तीर्ण हो जाएंगे। कारण साफ है कि कोरोना काल में एक साल से पांचवीं क्लास तक के बच्चों के क्लास रूम बंद हैं। 15 मार्च से हुई छुटिट्यों खत्म नहीं हुई है। शिक्षा विभाग ने इनके परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है।
सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में परीक्षा पैटर्न और प्रश्नपत्र को लेकर एक बैठक रखी गई। अधिकारियों ने बताया कि इस बार परीक्षा में रटने के बजाय विद्यार्थियों ने क्या सीखा इस पर फोकस रहेगा। जिसके लिए वर्क बुक के जरिए तैयारी करवाई जा रही है। इन वर्कबुक में पिछले साल का भी कुछ कोर्स शामिल किया है। ताकि विद्यार्थियों को कोई समस्या ना रहे।
कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को इस बार महज 40 फीसदी नंबर का ही पेपर देना होगा। शेष 60 फीसदी अंक स्कूल की ओर से दिए जाएंगे। ये अंक किस आधार पर दिए जाएंगे, इसकी भी रूपरेखा तैयार हो रही है। इसी तरह कक्षा छह से 8वीं तक के बच्चों को भी 50 फीसदी अंक स्कूल की तरफ से दिए जाएंगे, जबकि शेष 50 फीसदी का पेपर देना होगा। शिक्षा विभाग भी मान रहा है कि छोटे बच्चे पिछले एक साल से पढ़ाई नहीं होने के कारण पिछली कक्षा में की गई पढ़ाई भी अब भूल गए हैं।
पॉजिटिव- आज आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करने का उचित समय है। पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता अनुसार काम करें। भूमि संबंधी खरीद-फरोख्त का काम संपन्न हो सकता है। विद्यार्थियों की करियर संबंधी किसी समस्...
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