अब फरियादी को अपनी शिकायत या किसी अन्य काम के लिए थाने के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी थानों में जनसुनवाई के लिए एक समय निर्धारित कर दिया है। जिसमें संबंधित थाने में उस समय पऱ उपस्थित थानाधिकारी उनकी फरियाद या शिकायत पर सुनवाई कर निस्तारण करेंगे।
इसके लिए राज्य सरकार ने सभी थानों में जन सुनवाई के लिए डेढ़ घंटे का समय निर्धारित कर दिया है। डीजीपी उमेश मिश्रा ने 15 नवंबर को प्रदेश के सभी जिला एसपी व रेंज आईजी को कार्य दिवस के दौरान रोजाना दोपहर 12 से 1:30 बजे तक थाने में जनसुनवाई के निर्देश दिए। एएसपी ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी थाना प्रभारियों को नियमित तौर पर जनसुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जनसुनवाई में थाना अधिकारियों की ओर से पीड़ित पक्ष की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण करने के प्रयास किए जाएंगे। थानों में नियमित तौर पर दिन में दोपहर 12 से दोपहर 1:30 बजे तक थाना प्रभारियों की जनसुनवाई का समय रहेगा। इतना ही नहीं हर थाने में थाना प्रभारियों द्वारा होने वाली जनसुनवाई के लिए एक रजिस्टर का संधारण किया जाएगा।
जिसमें रोजाना होने वाली जनसुनवाई का ब्यौरा दर्ज किया जाएगा और प्रगति रिपोर्ट से एसपी कार्यालय को अवगत करवाया जाएगा। जिले में कोतवाली, ग्रामीण थाना सहित कई स्थानों में दोपहर में डेढ़ घंटे की जन सुनवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस मुख्यालय जयपुर से आदेश जारी होने के बाद जिले के सभी थानों में प्रतिदिन जन सुनवाई शुरू कर दी है। इसमें पुलिस से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को अनिवार्य रूप से एसएचओ द्वारा सुना जाता है। प्राथमिकता के तौर पर परिवेदनाओं का मौके पर ही निराकरण किया जाता है।
अनिल बेनीवाल, एसपी
जनसुनवाई में थाना प्रभारी का रहना जरूरी वाजिब कारण होने पर ही थाने से जा सकेंगे
जनसुनवाई में थाना प्रभारी का रहना जरूरी वाजिब कारण होने पर ही थाने से जा सकेंगे
दोपहर 12 से डेढ़ बजे तक कोई भी थाना प्रभारी किसी भी सूरत में थाना नहीं छोड़ेगा। अगर कोई थाने से बाहर जाता है तो उसके लिए वाजिब कारण होना चाहिए। इस समय के दौरान थाना प्रभारी सिर्फ राजकार्य, कानून व्यवस्था की आपात स्थिति के अलावा थाने पर ही रहेंगे। जनसुनवाई के लिए संधारण किए जाने वाले रजिस्टर में थाने और थाना प्रभारी का नाम दर्ज होगा। साथ ही जनसुनवाई में आने वाले आगंतुक का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किए जाएंगे। शिकायत या परिवाद का संक्षिप्त विवरण दर्ज होगा। परिवाद पर की गई कार्रवाई का विवरण भी दर्ज होगा ।
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