आमेट में मनाई शीतला सप्तमी:महिलाओं ने लगाया माता को ठंडे पकवानों का भोग, परिवार को स्वस्थ रखने की कामना

आमेट6 दिन पहले
  • कॉपी लिंक

आमेट में आज शीतला माता की पूजा की गई। नगर में शीतला माता का सबसे पुराना मंदिर शीतला माता मंदिर स्थित है। यहां पर आज बड़ी संख्या में महिलाओं ने शीतला माता की पूजा की। इधर उपखण्ड सहित आस पास के मोहल्लों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीतला माता की पूजा की गई।

आज शीतला माता मंदिर , माही राम मंदिर , बस स्टैंड , सहित आसपास के क्षेत्रों में भी शीतला माता मंदिर में महिलाओं ने बास्योडा बना कर माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया। मंदिरों में महिलाएं नए-नए वस्त्र पहनकर सोलह सिंगार कर माता पूजने पहुंची। महिलाएं सुबह 2 बजे से ही शुभ मुहूर्त में महिलाएं शीतला माता की पूजा करने पहुंचने लगी और परिवार को स्वस्थ रखने की कामना की।इस दौरान महिलाओं ने माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया। सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं की भीड़ लगी रहा।

बता दे कि वैशाख, जेठ और आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी पूजन करने का प्रावधान है। इन चारों महीने के चार दिन का व्रत करने से शीतला जनित बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इस पूजन में शीतल जल और ठंडे भोजन का भोग लगाने का विधान है। श्रद्धालु शीतला अष्टमी का व्रत रखकर माता की भक्ति करके अपने परिवार की रक्षा करने के लिए माता से प्रार्थना करते हैं। वहीं शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने का भी इसका उद्देश्य होता है। कहा जाता है कि गर्मी के दिनों में शरीर में अनेक प्रकार के पित्त विकार भी प्रारंभ हो जाते हैं, ऐसी मान्यता है कि शीतला अष्टमी का व्रत रखने से छोटी माता का प्रकोप नहीं होता।

वहीं, नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीतला सप्तमी पर गुलाल और रंग से खेला गया। एक-दूसरे के घर पर जाकर शुभकामनाएं दी। वहीं पर घर पर शीतला सप्तमी पर बनाए गए पकवानों का आनंद लिया। छोटे-बड़े, बुजुर्ग, महिलाएं सभी रंगों में सरोबार नजर आए। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी ढोलक, मजीरा, डफ, चंग आदि बजाते हुए देशभक्ति गीतों के साथ नगर में शनि महाराज मंदिर, राम चौक, होली थान, लक्ष्मी बाजार, विवेकानंद कॉलोनी, जवाहर नगर, रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन, वाटर वर्क्स स्थित नए और पुराने कार्यकर्ताओं के घरों पर जाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दी। संघ के कार्यकर्ताओं की टोली नगर के विभिन्न क्षेत्रों में गीत गाते हुए चल रही थी तो शहर का हर व्यक्ति साथ जुड़ता चला जा रहा था।

मेवाड़ क्षेत्र में शीतला सप्तमी का अपना महत्व है। यहां पर होली से ज्यादा शीतला सप्तमी का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। विभिन्न गांव में गैर नृत्य खेलने की परंपरा चलती आ रही है। लोग शीतला सप्तमी के दिन परिवार सहित एक दूसरे के घरों पर जाकर ओलिया जो विशेष रूप से पकवान बनाया जाता है।

खबरें और भी हैं...